Friday, November 22, 2024
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Russia secretly tested its coronavirus vaccine among the affluent as early as April | रूस ने आम लोगों के लिए नहीं ‘खास’ लोगों के लिए बनाई वैक्‍सीन

कोरोना वायरस (Coronavirus) की वैक्सीन बनाने और वैक्सीनेशन करने की रेस पूरी दुनिया में तेज हो गई है, चाहे वो अमेरिका में ‘ऑपरेशन वार्प स्पीड’ हो, भारत में नोवैक्सिन के 20 जुलाई से शुरू हो रहे ट्रायल हों या फिर रूस का अगले महीने से वैक्सीनेशन शुरू करने का वायदा. दुनियाभर के प्रशासक अधीर होते जा रहे हैं और वायरस के बुरे प्रभावों को खत्म करने के लिए जल्दी से जल्दी वैक्सीन लॉन्च करना चाहते हैं. किसी तरह कोरोना से पहले की जिंदगी की तरफ लौटना चाहते हैं.  

रूस ने फिर से एक अजीब सी बात कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने अपनी एक्सपेरिमेंट्ल वैक्सीन का परीक्षण अप्रैल से ही रूस के प्रभावशाली लोगों के बीच शुरू कर दिया है. जिसे सरकारी संस्था गमेल्या ने बनाया है.

वैक्सीन लॉन्च की जल्दी?
ये स्पष्ट है कि रूस इस वायरस के खिलाफ सबसे पहले वैक्सीन लाना चाहता है. पायलट वैक्सीन निश्चित ही उस देश को एक तरह का फायदा देगी, जो इसको सबसे पहले शुरू करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस अगले महीने से वैक्सीनेशन शुरू भी करने जा रहा है, यहां तक कि तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने से भी पहले.

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूसल जैसी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों समेत तमाम प्रभावशाली अधिकारियों और इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स का तो अप्रैल से ही वैक्सीनेशन शुरू हो गया था.

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रूस में वैक्सीन डेवलपमेंट का काम सरकार के रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड से किया जा रहा है, जिसे मिलिट्री की तरफ से भी सहयोग मिल रहा है. पिछले हफ्ते ही इसके पहले चरण के ट्रायल मिलिट्री अधिकारियों पर पूरे किए गए हैं और दूसरा चरण भी शुरू हो चुका है.

अभी तक केवल उच्च वर्ग के लिए ही!
कहा जा रहा है कि अगस्त के पहले हफ्ते में तीसरे चरण के भी ट्रायल शुरू हो जाएंगे, उसी दौरान आम जनता के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा सकती है. रूस के अलावा वैक्सीन सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में भी टेस्ट की जा रही है.

आपको बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देश रूस पर आरोप लगा चुके हैं कि रूस सूचनाएं चुराकर उनके गोपनीय वैक्सीन कार्यक्रमों में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है.

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ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक उसके पास रूस के उन प्रभावशाली लोगों के नाम हैं, जिन्होंने कोरोना की ये वैक्सीन ली है. लेकिन वो उनके नाम सार्वजनिक करना नहीं चाहता. हालांकि ये लोग किसी आधिकारिक स्टडी का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन नतीजों पर इस तरह नजर रखी जा रही है जैसे वो स्टडी का हिस्सा हों.

आपको बता दें कि रूस इस वक्त कोरोना से दुनियां का चौथा सबसे प्रभावित देश है. यहां अभी तक 7,50,000 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.  




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