नर्मदा को जीवित नदी का दर्जा दिया था बीजेपी सरकार ने
भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के परिजनों पर जीवित नदी का दर्जा प्राप्त नर्मदा नदी से रेत का अवैध उत्खनन करने के आरोप लग रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने रात के अंधेरे में रेत परिवहन करते ट्रकों का वीडियो जारी कर बिना किसी का नाम लिए मुख्यमंत्री के सगे सम्बंधियों पर आरोप लगाया है। अपने इस आरोप को लेकर उन्होने आधा दर्जन से ज्यादा ट्वीट किए हैं। बता दें कि पिछली कमलनाथ सरकार में विपक्ष के नेता शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी कांग्रेस नेताओं पर रेत चोरी का आरोप लगाती थी। इससे पहले बीजेपी सरकार में ऐसे ही आरोप मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़े लोगों पर कांग्रेस लगाती रही है।
अरुण यादव ने ट्विटर पर वीडियो जारी कर लिखा है कि जीवित नदी का दर्जा प्राप्त मां नर्मदा के सीने को एकबार फिर मुख्यमंत्री के संरक्षण में छलनी करने का अभियान शुरू हो गया है। 500 डंपर प्रतिदिन बिना रॉयल्टी हो रहा है रेत का अवैध परिवहन।
शिवराज सिंह के गृह क्षेत्र से सटे रायसेन जिले के बाड़ी की गोरा मछुराई स्थित रेत खदान में सीएम के भाइयों द्वारा यहां खुलेआम रेत का अवैध कारोबार करवा रहे है। रोजाना करीब 5000 डंपर बिना रॉयल्टी चुकाए लॉकडाउन होने के बावजूद भी इस अवैध कार्य को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस,प्रशासन असहाय है!
यादव ने कहा कि प्रदेश में नई रेत उत्खनन नीति के बाद राज्य में खदानों के समूह बनाकर नीलामी की गई थी, जिसमें उक्त खदान भी शामिल है। रायसेन जिले की रेत खदानों का ठेका किसी राजेन्द्र रघुवंशी की फर्म को मिला है। ठेकेदार व माइनिंग कॉर्पोरेशन के साथ अनुबंध होने के पहले रॉयल्टी जारी नहीं कि जा सकती है।
लिहाजा, बिना अनुबंध किये गोरा मछुराई की नर्मदा नदी से प्रतिदिन 5000 डंपर अवैध उत्खनन, परिवहन बिना रॉयल्टी चुकाए कैसे, किसके संरक्षण में और किसके द्वारा किया जा रहा है, वह भी लॉकडाउन अवधि में?
हत्या का प्रकरण दर्ज हो, आखिरकार क्या कारण है कि यहां मंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि दो माह पूर्व अपनी विपक्ष की भूमिका में यही शिवराजसिंह चौहान कमलनाथ सरकार के खिलाफ अवैध उत्खनन, परिवहन का आरोप लगा रहे थे, @CoalMinistry @IBC24News @ZeeMPCG
— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) May 22, 2020
यादव ने कहा कि पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के दौरान ही नर्मदा नदी को जीवित नदी माना गया है। हाल ही में इसी मुद्दे को उठाते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी कलेक्टर होशंगाबाद को लिखे एक पत्र में कहा है कि नर्मदा एक जीवित नदी है, इसलिए इस नदी से अवैध उत्खनन, परिवहन करने वालों के विरुद्ध हत्या का प्रकरण दर्ज हो। आखिरकार क्या कारण है कि यहां मंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि दो माह पूर्व अपनी विपक्ष की भूमिका में यही शिवराजसिंह चौहान कमलनाथ सरकार के खिलाफ अवैध उत्खनन, परिवहन का आरोप लगा रहे थे।
अरुण यादव ने आरोप लगाया है कि अब उनका (शिवराज) अपना परिवार ही अपने उसी अवैध कार्यों मे लिप्त होकर “सैय्या भये कोतवाल तो डर काहे का” की तर्ज पर लूटखसोट कर रहा है। यदि इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही नही हुई तो कांग्रेस लॉक डाउन से राहत मिलते ही सड़क पर उतरेगी।