Monday, December 23, 2024
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ओंकारेश्वर में 15 अगस्त तक स्थापित हो जाएगी शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा


भोपाल। मध्य प्रदेश में सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी समृद्ध परंपराओं, संस्कृति की विशेषताओं और भारतीय दर्शन को नई पीढ़ी तक ले जाने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। आज आदि गुरू शंकराचार्य जी, रामानुजाचार्य जी के साथ ही सूरदास जी का भी प्राकट्य दिवस है। ये अद्भुत संत थे। ओंकारेश्वर में एकात्म धाम का निर्माण किया जा रहा है। यहाँ आगामी 15 अगस्त तक शंकराचार्य जी की विशाल प्रतिमा भी स्थापित होगी। साथ ही अद्वैत संस्थान का निर्माण किया जाएगा। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहीं। वे मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित कर रहे रहे थे। सीएम शिवराज ने कहा कि शंकराचार्य जी ने रामेश्वरम से लेकर बद्रीनाथ तक उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक राष्ट्र को एक करने का कार्य किया।

संत रविदास मंदिर, जाम सांवली हनुमान धाम बना रहे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सागर में संत रविदास जी के मंदिर का निर्माण हो रहा है। जाम सावली हनुमान धाम, सलकनपुर में देवी लोक, दतिया में माँ पीतांबरा माई लोक, ओरछा में रामराजा लोक का निर्माण किया जा रहा है। संत-महात्माओं के साथ जनजातीय नायकों और क्रांतिकारियों के योगदान का स्मरण करते हुए उन्हें सम्मानित करने के लिए उनकी प्रतिमाओं की स्थापना विभिन्न स्थान पर की जा रही है।

राजा भभूत सिंह का अप्रतिम योगदान
सीएम शिवराज ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए बलिदान देने वाले सतपुड़ा क्षेत्र में राजा भभूत सिंह का योगदान भी सामने लाया जाएगा। कालगढ़ी का जीर्णाेद्धार कार्य भी किया जाएगा।

सामाजिक समरता बढ़ाने के कर रहे कार्य
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा सभी वर्गों के विकास के साथ सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। चाहे अनुसूचित जाति समाज हो या अनुसूचित जनजाति वर्ग, पिछड़ा वर्ग या सामान्य वर्ग, सभी के कल्याण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ब्राह्मण बोर्ड के गठन, संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन, मंदिरों की भूमि की सुरक्षा के संबंध में प्रावधान, पुजारियों के लिए मानदेय वृद्धि की पहल भी प्रदेश में हुई है। सभी वर्गों के कल्याण का कार्य किया जा रहा है। संघर्ष नहीं समन्वय के सिद्धांत पर जहाँ पेसा निमय लागू किया गया, वहीं महू और ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ एवं सागर में रविदास जयंती के आयोजन हुए हैं।

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