धार्मिक आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय पर चुप नहीं बैठेगी कांग्रेस , हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे – पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ
भोपाल।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया कि खुद को धर्म प्रेमी बताने वाली प्रदेश की शिवराज सरकार अपने व्यवसायिक हितों के लिए लगातार जन आस्थाओ व धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वाले निर्णय लेती रही है। भाजपा के हाल ही में लिये गये निर्णय में मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित सिद्धा पहाड़ जो कि राम वन गमन पथ पर स्थित है , जहां पर प्रभु श्री राम वनवास के समय आए थे, जहां पर प्रभु श्री राम ने इस भूमि को निशाचरों से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी , अब शिवराज सरकार ने उस पहाड़ के खनन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।
आस्था के केंद्र इस सिद्धा पहाड़ को खोदने हेतु मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लोक सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है, यह वह पहाड़ है जिसका उल्लेख रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में भी किया गया है कि राक्षसों द्वारा ऋषि मुनियों का वध करने के बाद उनके अस्थियों के बने ढेर से यह पहाड़ बना है।
श्री नाथ ने कहा कि वह भाजपा जो भगवान राम के नाम का उपयोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए करती आई है, वह अब सुनियोजित तरीके से उनकी याद से जुड़े अवशेषों को नष्ट करने का काम कर रही है। राम वन गमन पथ के निर्माण को लेकर भी सरकार ने अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बनाई है।
श्री नाथ ने कहा कि राम वन गमन पथ को लेकर भी हमारी कांग्रेस सरकार ने ही योजना बनाई थी। इस पहाड़ पर पूर्व से ही अवैध उत्खनन का काम लगातार जारी है, इसको रोकने के लिए भी सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाये है।
इसके पूर्व भी करीब 10 वर्ष पूर्व इस तरह की कोशिशे की गई थी, लेकिन तब जनविरोध के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया था। अब एक बार फिर पर्यावर्णीय स्वीकृति के नाम पर कार्रवाई शुरू की गई है।
इस पहाड़ का उल्लेख तुलसीदास जी की चौपाइयों में भी है –
“पुनि रघुनाथ चले बन आगे। मुनिबर बृंद बिपुल सँग लागे।। अस्थि समूह देखि रघुराया। पूछी मुनिन्ह लागि अति दाया।। जानत हूँ पूछिअ कस स्वामी। सबदरसी तुम्ह अंतरजामी।। निसिचर निकर सकल मुनि खाए। सुनि रघुबीर नयन जल छाए।। “
श्री नाथ ने कहा कि कांग्रेस धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करने वाले भाजपा सरकार के इस निर्णय पर चुप नहीं बैठेगी , हम सड़क से लेकर सदन सदन तक इस लड़ाई को लड़ेंगे और सरकार के जनविरोधी व धार्मिक आस्थाओं के विपरीत वाले इस निर्णय को बदलने के लिए सरकार को बाध्य करेंगे।