- मेट्रो के चलने का काउंटडाउन शुरू, रफ्तार के साथ बढ़ेगा भोपाल
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश मेट्रो मॉडल का किया अनावरण
- भोपाल और इंदौर में सितंबर महीने में होगा मेट्रो का ट्रायल
- मई महीने में विधिवत पटरियों पर दौड़ेगी मेट्रो रेल
- मध्य प्रदेश के सफर को सुलभ बनाएगी MP मेट्रो
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और वाणिज्यिक राजधानी इंदौर में मेट्रो रेल (Bhopal Mertro Rail) दौड़ने का काउंट डाउन शुरू हो गया। शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को स्मार्ट सिटी पार्क में मध्य प्रदेश मेट्रो मॉडल का अनावरण किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि एक संकल्प पूरा हो रहा है, एक सपना साकार हो रहा है। आज हमने इसके कोच का लोकार्पण किया है। भोपाल और इंदौर मेट्रो का ट्रायल रन अगले महीने सितंबर में होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेट्रो को केवल भोपाल सिटी तक सीमित नहीं रहेगी। इसे भोपाल से मंडीदीप और फिर बैरागढ़ होते हुए सीधे सीहोर तक ले जाया जाएगा। सीएम ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश के सफर को MP मेट्रो सुलभ बनाएगी। अगले वर्ष अप्रैल-मई तक विधिवत रूप से मेट्रो रेल चलने लगेगी।
आम नागरिक भी मॉडल कोच देख सकेंगे
मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित किये गए मेट्रो के इस कोच को आम नागरिक भी अवलोकन कर पाएंगे। कोच का इंटीरियर वैसा ही है, जैसा मेट्रो ट्रेन में रहता है।
ऐसी होगी मेट्रो परियोजना
आपको बता दें कि मेट्रो परियोजना के अंतर्गत भोपाल-इंदौर में ओरेंज लाइन तथा ब्लू लाइन का निर्माण किया जा रहा है। कोच में 50 यात्रियों के बैठने और 300 के खड़े होने की क्षमता रखी गई है। भोपाल- इंदौर मेट्रो परियोजना का कार्य पूर्ण रूप से दिसंबर 2026 तक पूर्ण होगा। भोपाल मेट्रो लाइन की लंबाई है 31 किमी और लागत 7000 करोड़ रुपये है। इंदौर मेट्रो लाइन की लंबाई भी 31 किमी और लागत 7500 करोड़ है।
मैट्रो की विशेषताएं
- ऑटोमैटिक डोर, स्टार्ट-स्टॉप और इमर्जेंसी हैंडलिंग (अन अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन)
- सायबर अटैक व हैकिंग से सुरक्षित, यात्रियों की सुरक्षा के लिए ऑटोमैटिक ऑब्सटेकल व डिरेलमेंट डिटेक्शन
- हर दो मिनिट में आने-जाने की फ्रीक्वेंसी
- ब्रैक के साथ ऊर्जा री-जनरेशन तकनीक से ऊर्जा की बचत
- कोच में होगी जर्म कंट्रोल और एयर-फिल्ट्रेशन की तकनीक, हमेशा स्वच्छ रहेगी वायु
- कोच में लगे CCTV होंगे AI तकनीक से संचालित होगी
- ऑटोमैटिक ऑब्जेक्ट आइडेंटिफिकेशन (कैमरे करेंगे चेहरों की पहचान)
- ऑटोमैटिक व स्मार्ट प्रकाश नियंत्रण व्यवस्था
- हाइलेवल पैसेंजर सेफ्टी (HL3 Stansard)
- दिव्यांगों के लिए विशेष व्हील चेयर्स व उनके अनुकूल बैठने का स्थान नियत
- कोच मैंटीनेंस की 15 साल की सेवा गारंटी
भोपाल मेट्रो रेल को जानें
- एम्स से करोंद चौराहे तक निर्माणाधीन ऑरेंज लाइन की कुल लम्बाई 16.74 किमी है
- इसमें अंडरग्राउंड भाग 3.39 किलोमीटर का है। बाकि भूमि के उपर चलेगी
- ऑरेंज लाइन में दो अंडरग्राउंड स्टेशन (भोपाल स्टेशन,नादरा बस स्टैंड) व 14 एलीवेटेड स्टेशन हैं
- 14 एलीवेटेड स्टेशनों में एम्स, अल्कापुरी, डीआरएम आफिस, रानी कमलापति, एम पी नगर, बोर्ड आफिस, केंद्रीय विद्यालय, सुभाष नगर, पुल बोगदा, ऐशबाग, सिन्धी कॉलोनी, डीआइजी बंगलों, कृषि उपज मंडी एव् करोंद चौराहा शामिल हैं
- रत्नागिरि तिराहे से भदभदा चौराहे तक मेट्रो रेल की ब्लू लाइन की कुल लम्बाई 14.16 किमी है
- इस लाइन में 14 एलीवेटेड स्टेशन बनेंगे, रत्नागिरि तिराहा, पिपलानी, इंद्रपुरी, जेके रोड, गोविंद्पुरा औद्योगिक क्षेत्र, प्रभात पेट्रोल पम्प, पुल बोगदा, लाल परेड ग्राउंड, मिंटो हाल, रोशनपुरा चौराहा, जवाहर चौराहा, डिपो चौराहा, भदभदा चौराहा!
इंदौर मेट्रो रेल को जानें
- इंदौर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत इंदौर शहर में येलो लाइन का निर्माण किया जा रहा है। जिसकी लम्बाई 31.3 किलो मीटर है।
- इस लाइन में 8.7 किलो मीटर का अंडरग्राउंड भाग भी है।
- येलो लाइन में 21 एलिवेटेड स्टेशन हैं। गाँधी नगर, सुपर कॉरिडोर-6,5,4,3,2,1, भवर कुआ चौराहा, एम् आर-10, आई एस बी टी, चन्द्रगुप्त चौराहा, हीरा नगर, बापट चौराहा, मेघदूत गार्डन, विजय नगर चौराहा, मालवीय नगर चौराहा, शहीद बाग़, खजराना, बंगाली चौराहा, पत्रकार कॉलोनी, पलासिया।
- 07 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, जिनमें इंदौर रेलवे स्टेशन, राजवाड़ा, छोटा गणपति, बड़ा गणपति, रामचंद्र नगर,-कालानी नगर, एयरपोर्ट शामिल हैं
- प्रथम चरण में गाँधी नगर से लेकर सुपर कॉरिडोर -03 तक के 6.0 किलोमीटर, के भाग को जून -2024 में सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल यातायात की सुविधा उपलब्ध करने की योजना है।
- सितम्बर -2023 में, इस भाग में ट्रेन्स के ट्रायल्स प्रारम्भ किये जायेंगे
- इसके बाद गांधी नगर से रैडिसन तक के 17.0 किलो मीटर भाग में भी सर्व साधारण के लिए मेट्रो रेल की सुविधा उपलब्ध करा दी जाएगी
- इंदौर मेट्रो प्रोजेक्ट की सम्पूर्ण परियोजना को दिसंबर 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है