Friday, November 22, 2024
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Shivraj made public the confidential documents of Kamalnath cabinet – शिवराज ने वायरल किए कमलनाथ कैबिनेट के गोपनीय दस्तावेज

पोषण आहार में बड़े घोटाले की जताई आशंका

चीफ सेक्रेटरी एस.आर. मोहंती आए सवालों के घेरे में, बदला था कैबिनेट में लिए गए निर्णय का आदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ सरकार की कैबिनेट के वो गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए हैं, जो कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्रियों के पास से लेकर भी नष्ट कर दिए जाते हैं। ये सभी कागजात कुपोषण से लड़ाई के लिए सरकार द्वारा दिए जाने वाले पोषण आहार की व्यवस्था से जुड़े हैं।

कांग्रेस की कमलनाथ कैबिनेट ने पिछले साल पोषण आहार की व्यवस्था से निजी ठेकेदारों को बाहर करने का निर्णय लिया था। इस नई व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लागू किया जा रहा था, जिसके बारे में शिवराज सरकार के दौरान भी फैसला हुआ था। लेकिन मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती ने एक आदेश जारी कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के कैबिनेट निर्णय के आधार पर जारी उस आदेश को संशोधित कर दिया गया, जिसमें प्राइवेट आपरेटरों को पोषण आहार व्यवस्था के बाहर करने का प्रावधान किया गया था।

मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती का वो आदेश जिस पर शुरू हुआ बवाल।

प्रदेश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक भास्कर में यह मामला उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री को ओर से सफाई भी दी गई कि पोषण आहार का काम निजी आपरेटरों को नहीं दिया जाएगा। इसके बाद शिवराज ने आज प्रेस कान्फ्रेंस कर इस मामले से जुड़े कैबिनेट बैठक के निर्णय, विभाग की प्रेसी समेत वो तमाम दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए, जो गोपनीय श्रेणी के हैं और विपक्ष समेत किसी को भी आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकते।

इन दस्तावेजों के आधार पर शिवराज ने सरकार से कुछ सवाल पूछे हैं और आरोप भी लगाए।

शिवराज सिंह के सवाल

1. क्या यह सच है कि वित्त और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, दोनो ने प्रस्ताव दिया था कि पोषण आहार का कोई निजीकरण नहीं होना चाहिए?

2. क्या यह सच है कि केबिनेट में भी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई ?

3. क्या यह सच है कि ए.सी.एस. गौरी सिंह ने केबिनेट में विधिवत रूप से अपना पक्ष सरकार के समक्ष रखा ?

4. क्या सह सच है कि निजी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया गया, लेकिन बाद में रिकार्ड में इसे बदल दिया गया। क्या कारण रहा इसे बदलने का ?

5. क्या सह सच है कि इस तरह से निर्णय को हेरफेर कर बदलने से निजी कंपनियांे को फायदा होगा?

6. क्यों राज्य के मुख्य सचिव ने, गलत तरीके से केबिनेट के निर्णय को बदल दिया?

7. क्या यह उच्च न्यायालय के निर्देशों के उल्लंघन का कुटिल प्रयास नहीं है?

8. क्या यह सच है कि भ्रष्टाचारी अफसरों, ठेकेदारों के दबाव में ही आपकी सरकार ने ईमानदार और कर्तव्य निष्ठ अफसर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर मजबूर किया?

 उन्होंने बताया कि भाजपा की उनकी सरकार ने दिनांक 13 मार्च 2018 को कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया था कि:-

2. टेकहोम राशन का कार्य महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से किया जायेगा।

3. इसके लिए 07 आटोमेटिक संयन्त्र राज्य में स्थापित किये जाएंगे।

4. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हमने पोषण आहार व्यवस्था से ठेकेदारों,प्राईवेट फर्मो का काम स्व सहायता समूहों को देना उन्हें सशक्त बनाया जायेगा।

5. लगभग 110 करोड़ की राशि से प्लांटो का निर्माण किया गया। लाभ की राशि में से महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशाक्तिकरण का कार्य होता। प्लांटों द्वारा अर्जित शुद्ध लाभ में से 90 प्रतिशत राशि आजीविको मिशन को जाती जिसमें से 50 प्रतिशत राशि राजकीय कोष में और 50 प्रतिशत स्वसहायता समूहों को महिला सशाक्तिकरण हेतु प्रदाय की जाती है।

               शिवराज के मुताबिक यह था भाजपा सरकार का निर्णय

1. देवास, धार, होशंगाबाद, मंड़ला, सागर, शिवपुरी, रीवा, में प्लांट तैयार किये गए यह कार्य वर्तमान कांग्रेस सरकार को प्रारंभ करना था।

2. दिनांक 27.11.2019 को सम्पन्न कैबिनेट की बैठक में पंचायत ग्रामीण विकास विभाग की तत्कालीन अपर मुख्य सचिव श्रीमती गौरी सिंह के हस्ताक्षरों से संक्षेपिका रखी गयी। संक्षेपिका में निर्णय प्रारूप के क्रमांक 11 पर लिखा था- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था ठेकेदार या आऊट सोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन उत्पादन/संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।

 कमलनाथ मंत्रि-परिषद की बैठक दिनांक 27.11.2019 को निम्नानुसार निर्णय पारित किया गया-

                बिंदु 11- ‘‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि एम.पी.एग्रो किसी भी रूप में निजी संस्था, ठेकेदार या आउटसोर्स एजेंसी को टेकहोम राशन उत्पादन संचालन के कार्य में सम्मिलित नहीं करेगा।

                यह महिला सशाक्तिकरण की दिशा में और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप तत्कालीन भाजपा सरकार की कैबिनेट के निर्णय के अुनरूप कांग्रेसनीत सरकार की कैबिनेट का उचित निर्णय था।

श्रीमती गौरी सिंह ने कैबिनेट के 27.11.2019 के पारित निर्णय से विभागों को अपने नोटशीट से अवगत करवाकर क्रियान्वयन की तैयारी शुरू करवा दी है।

1.            श्रीमती गौरी सिंह को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी पड़ी।

2.            मुख्य सचिव एस.आर.मोहंती ने अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को एक नोटशीट भेजी जिसमें लिखा गया कि विभागीय संक्षेपिका दिनांक 26.11.2019 की कंड़िका 13 की उपकंड़िका 1 से 10 तथा 12 से 15 का अनुमोदन किया जावे। इसको मानकर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने दिनांक 16.01.2020 को एक आदेश क्रमांक 280 जारी कर दिया ।

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