नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोनावायरस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का बदहाली पर गुरुवार को सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जिन प्रवासी श्रमिको को सड़कों पर चलते हुए पाया जाए उन्हें तुरंत शेल्टर होम में ले जाया जाए और उन्हें भोजन-पानी उपलब्ध कराया जाए. साथ ही उन्हें सभी प्रकार की सुविधाएं भी दी जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी प्रवासी मजदूर से घर जाने की यात्रा का एक पैसा भी किराया नहीं वसूला जाए, सारा व्यय राज्य वहन करें. कोर्ट ने कहा कि जहां मजदूर रह रहा है या जहां से यात्रा शुरू हो रही है वो राज्य या जहां उसे जाना है वो राज्य ये आपस में तय कर ले. साथ ही रास्ते मे मजदूरों के खाने पीने और आश्रय का इंतज़ाम राज्य सही ढंग से करें.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार सभी प्रवासी मजदूर यात्रियों का रजिस्ट्रेशन करें. उस मुताबिक ही उनका ट्रेन में बैठना सुनिश्चित करें. साथ ही सड़क पर पैदल जाता कोई भी मजदूर दिखे तो उसे शेल्टर होम में लाकर रखे फिर खाना पीना देकर ट्रेन या बस से उसके गांव तक भेजने का इन्तज़ाम करें. पांच जून को अगली सुनवाई होगी.
बता दें कि केंद्र और सभी राज्य सरकारों को आदेश की कॉपी दे दी गई है. अगले शुक्रवार तक सभी को कोर्ट में ये ब्यौरा रिपोर्ट दाखिल कर देना है, जिसमें मजदूरों की संख्या, उनके ट्रांसपोर्टेशन का तरीका, रजिस्ट्रेशन का तरीका, उनको दी जा रही सुविधाओं का ब्यौरा सभी कुछ होंगे.
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