भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई का ख्वाब बुन रहे इन विद्यार्थियों के पढ़ाई की राह और भी आसान होने जा रही है। राज्य सरकार ने इस दिशा में कदम बढ़ाना शुरू भी कर दिया है। सरकार की योजना है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की चाहत रखने वाले विद्यार्थियों को चयन सूची में रिजर्वेशन दिया जाये। लेकिन इसके लिए शर्त भी रखी गई है, सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी ही इस योजना के लिए पात्र होंगे।
कैसा रहेगा योजना का स्वरूप
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है जो विद्यार्थी प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और वे मेडिकल में प्रवेश के लिए परीक्षा देंगे तो उनकी चयन सूची अलग से बनाई जाएगी। चयन सूची में सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को रिजर्वेशन देकर प्रवेश में प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे ही इंजीनियरिंग की परीक्षा में भी विद्यार्थियों को प्रवेश में आरक्षण प्रदान किया जायेगा।
नीट, जेईई से होता है प्रवेश
वर्तमान समय में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा का आयोजन होता है, वहीं, इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए जेईई की परीक्षा आयोजित होती है। इसमें मिले नंबरों के आधार पर मेडिकल और इंजीनियरिंक कॉलेजों में दाखिला मिलता है। यह परीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर होती हैं।
इसलिए बन रही योजना
मध्य प्रदेश सरकार की सोच है कि नीट और जेईई जैसी राष्ट्रीय परीक्षाओं का स्तर बहुत कठिन होता है। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले निजी स्कूलों के विद्यार्थी इस परीक्षा को आसानी से पास कर लेते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों के हिंदी भाषी विद्यार्थी पिछड़ जाते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए सीएम शिवराज ने कहा है कि सरकारी विद्यार्थियों के लिए इन प्रवेश परीक्षाओं में अलग से सूची बनाई जाएगी, ताकि वे भी मेडिकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकें।
हिन्दी में हो रही मेडिकल की पढ़ाई
मध्य प्रदेश में शिक्षा को सरलीकरण करने की दिशा में पूर्व में भी प्रयास हुए हैं। इसी दिशा में पूर्व में भी एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में शुरू कराई गई है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी भी इस शिक्षा को आसानी से ग्रहण कर सकें।