पिछले साल पुलवामा में ही कार बम से आतंकियों ने CRPF के 40 जवानों की ली थी जान
नई दिल्ली। ये तस्वीरें किसी फिल्मी सीन से कम नहीं हैं! ये एकदम रियल हैं और सीरिया या इराक की नहीं हैं ! कश्मीर के पुलवामा का यह वीडियो है, जहां विस्फोटक से लदी एक कार को सुरक्षा बलों ने ढूंढ निकाला और नियंत्रित विस्फोट कर निष्क्रिय किया।
पिछले साल फरवरी में पुलवामा में ऐसे ही एक कार बम से सीआरपीएफ के 40 जवानों की जान आतंकियों ने ली थी। अब फिर पुलवामा में वैसे ही हमले की साजिश थी।
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को सुरक्षाबलों ने नाकाम कर दिया है। पुलवामा के पास एक सैंट्रो गाड़ी में IED (इंप्रोवाइज्ड एक्स्प्लोसिव डिवाइस) प्लांट की गई थी, जिसकी समय रहते हुए पहचान कर ली गई। बम डिस्पोज़ल स्क्वाड ने वक्त रहते ही इस बम को डिफ्यूज़ कर दिया। अब इस मामले की जांच एनआईए करेगी, जल्द ही एनआईए इस इलाके का दौरा करेगी।
वीडियो – ऐसे सुरक्षा बल ने डिफ्यूज किया कार बम
पुलवामा पुलिस, सीआरपीएफ और आर्मी ने एक साथ एक्शन लेते हुए इस गाड़ी की पहचान की और इसमें IED के होने का पता लगाया। तभी बम डिस्पोज़ल स्क्वायड को बुलाया गया और अंतत: इस IED ब्लास्ट को टाल दिया गया।
बताया जा रहा है कि गाड़ी को एक आतंकी चला रहा था, जो कि शुरुआती गोलीबारी के बाद ही भाग गया। अंधेरे में आतंकी भाग खड़ा हुआ। इस गाड़ी को पुलवामा के रजपुरा रोड के पास शादीपुरा में पकड़ा गया। सफेद रंग की सैंट्रो कार में टू व्हीलर की नंबर प्लेट लगाई गई थी, जो कि कठुआ की रजिस्टर्ड थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसे ट्रैक किया, जिसके बाद बम की तलाश की गई। बम डिस्पोज़ल यूनिट को बुलाने से पहले आसपास के इलाके को खाली कराया गया। इससे पहले पिछले साल जो पुलवामा में आतंकी हमला किया गया था, वह भी इसी तरह का था। जिसमें एक गाड़ी में बम रखा गया था और उसे CRPF के काफिले में घुसा दिया गया था, फरवरी 2019 में हुए उस आतंकी हमले में करीब 40 जवान शहीद हो गए थे।
विस्फोट से पहले कार बम
नियंत्रित विस्फोट के बाद कार
स्कूटर का निकला कार पर लगा रजिस्ट्रेशन नंबर
पहले भी पुलवामा में कहर बना था कार बम
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए थे। यह 2016 में हुए उरी हमले के बाद सबसे भीषण आतंकवादी हमला था। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस घटना की ज़िम्मेदारी ली थी। विस्फोट आईईडी के माध्यम से किया गया था।