बिलासपुर: शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार लाख प्रयास कर रही है, लेकिन ग्रामीण इलाकों की बदहाल स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है. मस्तूरी विकासखंड के बरेली प्राथमिक स्कूल में शिक्षकों की लापरवाही का ऐसा नजारा देखने को मिला जिसने शिक्षा के स्तर की असलियत उजागर कर दी. यहां एक शिक्षिका कक्षा में सोती हुई नजर आई. बच्चों को बिना देखरेख के कक्षा में छोड़ दिया गया था. यह घटना न केवल शिक्षकों की गैर-जिम्मेदारी बल्कि मॉनिटरिंग की कमी को भी सामने लाती है.
कक्षा में सोई शिक्षिका, बच्चे बिना पढ़ाई के समय बिताने को मजबूर
ग्रामीण क्षेत्र के बरेली प्राथमिक स्कूल में जब टीम पहुंची, तो कक्षा में बच्चों के लिए न कोई पढ़ाई हो रही थी और न ही कोई अनुशासन दिख रहा था. कक्षा में मौजूद एक शिक्षिका आराम से सो रही थी. बच्चे बिना मार्गदर्शन के इधर-उधर घूम रहे थे. टीम से बात करते हुए शिक्षिका ने लापरवाही भरे अंदाज में कहा कि ‘अभी तो लंच टाइम है.’
ग्रामीण क्षेत्रों में मॉनिटरिंग की कमी बनी समस्या
ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में मॉनिटरिंग की भारी कमी है. अधिकारियों के समय-समय पर निरीक्षण न करने के कारण शिक्षक मनमानी कर रहे हैं. अधिकांश शिक्षक या तो स्कूल नहीं आते या देर से आते हैं. बरेली स्कूल का यह मामला इस ओर इशारा करता है कि शिक्षा विभाग द्वारा मॉनिटरिंग में सुधार की आवश्यकता है.
11 शिक्षकों को लापरवाही पर जारी हुआ था नोटिस, फिर भी नहीं हुआ सुधार
16 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी टीकाराम साहू ने तखतपुर और कोटा ब्लॉक के दर्जनों स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान कई स्कूल बंद पाए गए, जबकि कई स्कूलों में शिक्षक समय पर उपस्थित नहीं थे. शिक्षकों की लापरवाही को देखते हुए 11 शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया. इसके बावजूद मस्तूरी ब्लॉक के बरेली स्कूल में शिक्षकों ने सबक नहीं लिया.
सरकारी प्रयासों के बावजूद शिक्षकों की मनमानी जारी
शिक्षा विभाग लगातार सुधार के प्रयास कर रहा है. इसके बावजूद शिक्षकों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया खत्म नहीं हो रहा. ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. मॉनिटरिंग में कमी और शिक्षकों की लापरवाही का सीधा खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.
Tags: Bilaspur news, Government Primary School, Local18
FIRST PUBLISHED : November 21, 2024, 23:35 IST
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