नई दिल्ली:
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने आजादी के नारे लगाने वाले प्रदर्शकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश तो पहले ही आजाद है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यह अनुच्छेद हमें इस तरह की आजादी पर समुचित प्रतिबंध की भी याद दिलाता है. प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘हम आजकल कुछ जगहों पर ‘आजादी-आजादी’ के नारे सुन रहे हैं. किस से आजादी? लोग खुलकर सरकार की आलोचना करते हैं. वह किसी को चुन सकते हैं या किसी को नकार सकते हैं. उनमें से कुछ विश्वविद्यालयों का घेराव और पुलिस के खिलाफ नाराजगी भी जता चुके हैं. फिर किससे आजादी?’
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘आपकी आजादी का आलम यह है कि आप अपने ही विश्वविद्यालय का घेराव करते हैं और पुलिस से भी लड़ते हैं. फिर आपको किससे आजादी चाहिए? इस सवाल पर बहस होनी चाहिए.’ बता दें, इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी देते हुए कहा था कि आजादी के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा और उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
योगी आदित्यनाथ की सीएए प्रदर्शनकारियों को चेतावनी, ‘आज़ादी’ के नारे लगाना देशद्रोह माना जाएगा
पिछले दिनों कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को CAA के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘अगर किसी ने प्रदर्शन के नाम पर आजादी के नारे लगाए, इसे देशद्रोह की तरह माना जाएगा और सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. यह स्वीकार नहीं किया जा सकता. लोगों को भारत की मिट्टी से ही भारत के खिलाफ साजिश करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई की भी लगातार खबरें आती रही हैं.
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