- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केवट समाज के नागरिकों को किया संबोधित
- सीएम हाउस में आयोजित हुआ राज्यस्तरीय कार्यक्रम
भोपाल। केवट जयंती के मौके पर सोमवार को मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केवट समाज के प्राचीन समृद्ध इतिहास के बारे में बात करते हुए कहा कि केवट समाज के लोग भले, भोले, सीधे, सरल और अपने खून-पसीने की कमाई खाने वाले लोग हैं। हमने किसी को लूटा नहीं है, अपनी मेहनत पर अपने जीवन को बसर करते हैं और जब भी देश को जरूरत पड़ती है, तो अपने प्राणों को न्योछावर भी कर देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि मछुआ समाज के हमारे भाई-बहन बहुत मेहनत से काम करते हैं। जितने भी तालाब या तालाब जैसी जल संरचनाएं हैं, उन पर पहला हक मछुआ समाज का है। दबंगों से तालाबों का कब्जा वापस लेकर मछुआरों को दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि पारंपरिक कमलगट्टा की खेती को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि रोजगार के अन्य साधन भी बढ़ सकें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज खेल में भी ढीमर समाज का अतुलनीय योगदान है। मेरे क्षेत्र के छोटे से गांव मंडी की निवासी बेटी कावेरी ढीमर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कयाकिंग और कैनोइंग में प्रदेश का नाम रोशन किया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि मैं मछुआ कल्याण बोर्ड को जिम्मेदारी देता हूं कि शासकीय पदों पर भर्ती के लिए समाज के बच्चों के लिए कोचिंग क्लास चलाने की योजना बनाएं। राशि की व्यवस्था हम करेंगे। हम यह भी तय करते हैं कि चिन्हित स्थानों पर विशाल निषादराज स्मारक बनाया जाएगा। जहां-जहां समाज के बाहुल्य क्षेत्र हैं, वहां स्थान चिन्हित किए जाएंगे और निषादराज भवन बनाए जाएंगे और प्रतिमा लगाई जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि समाज के कई लोग जिन्हें शासकीय सेवा, जाति प्रमाण पत्र के आधार पर मिल गई थी, लेकिन बाद में पैदा हुई विसंगति को दूर करने के लिए एक और कमेटी बनाई जाएगी। जो शासकीय सेवा में हैं, वो बाहर नहीं किए जाएंगे। उनको पूरा संरक्षण देने का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ जगह जहां दबंगों ने तालाबों पर कब्जा किया है, कमेटी उन्हें मुक्त कराकर मछुआ समाज को सौंपेगी। इसके लिए कमेटी सर्वे भी करेगी। अभियान पूरे प्रदेश में चलेगा, जो हमारे परंपरागत शासकीय तालाब हैं, उन पर पहला हक मछुआ, ढीमर, भोई, कहार, मांझी समाज का रहेगा। इस अवसर पर मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसी सिलावट, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम बाथम सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।