भूमि अधिग्रहण और विस्थापन का चल रहा महाघोटाला का खेलसिंगरौली को सिंगूर बनाने पर लगीं सरकार, विधानसभा में प्रदूषण का उठाऊंगा मुद्दा फोटो- 5सिंगरौली।दो दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार बधौरा, सुलियारी, बाबंधा, जेपी मझौली इलाके में भ्रमण कर वहां के विस्थापितों से मुलाकात की है और उनकी समस्याएं सुनी है। वहीं आज एनटीपीसी के सूर्या भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा है कि मोहन यादव अदानी एक है एमपी में अदानी सेफ है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कोल नीलामी के नियम ही बदल दिए उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए लोकसभा में ऐसा बिल पास किया है कि अब यदि अब कोयला नीलामी में सिर्फ एक कंपनी बोली लगती है तो उसे ही कोल ब्लॉक आवंटित कर दिया जाता है।
सिंगरौली दौरे पर आए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आज प्रेस वार्ता कर कहा कि जिले में भू अधिग्रहण नियमों का कोई भी पालन नहीं हो रहा है और अधिकारी सिर्फ कंपनियों को फायदा पहुंचा रहे हैं। किसान, आदिवासी और आमजन परेशान हो रहे हैंयहां के विस्थापन में भारी अनिमितताए है अधिकारी कंपनियों की दलाली में लगे हुए हैं उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए गरीबों और कम पढ़े-लिखे लोगों से अंगूठा लगवा कर उनकी जमीन और उनके अधिकारों को छीन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भोपाल से सिंगरौली आकर फिरोज खान कोल ट्रांसपोर्टरों से कर रहा है मुख्यमंत्री मोहन यादव को आकर बताना चाहिए कि आखिर फिरोज खान यहां आकर कर क्या रहा है। उन्होंने कहा कि मार्केट वैल्यू के हिसाब से भूमि अधिग्रहण होना चाहिए लेकिन यहां कलेक्टर दर से भूमि का अधिग्रहण कर किसानो और कब पढ़े लिखे लोगों की जमीन हथियाकर उद्योगपतियों को सौंपने का सरकार काम कर रही है। इसके अलावा उन्होंने डीएमएफ फंड के बारे में भी सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सबको सब पता है जल्द ही इस मामले का पर्दाफाश होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तहसीलदार अमित मिश्रा सरकार की तरफ से कम कर रहे हैं या फिर अधिकारियों की तरफ से काम कर रहे हैं। या फिर कंपनियों की तरफ से कम कर रहे हैं। यह सरपंच और गरीबों से गाली गलौज कर कंपनियों के पक्ष में कागज में साइन करने की बात कहते हैं।
ऐसी कौन लोग हैं जो एजेंट बैठा रखे हैं।सिंगरौली को सिंगूर बनाने पर है आमादा जिले में भू अर्जन को लेकर एक भारी अनियमितता है बधौंरा में भी स्थिति यही है। आखिर सरकार चाहती क्या है क्या सिंगरौली को सिंगूर बनाना चाहती है। यहां के विस्थापितों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। कई सालों से लोगों से आवेदन लंबित हैं। अभी तक लोगों को रोजगार नहीं मिला है जिन्हें रोजगार मिला भी उन्हें सात आठ हजार रुपए न्यूनतम मजदूरी दिया जा रहा है। सरकार दो लाख बेरोजगार लोगों को रोजगार देने की बात करती है लेकिन स्थिति बिल्कुल उससे अलग है।भूमि अधिग्रहण और विस्थापन का महाघोटालाभूमि अधिग्रहण और विस्थापन को लेकर महा घोटाला चल रहा है। कहीं 32 लाख रुपए एकड़ दिया जा रहा तो कहीं 3 एकड़ दिया जा रहा. मुआवजा निर्धारण में कलेक्टर गाइडलाइन बताकर जमीन का काम मुआवजा बना रहे हैं। जबकि नियम में भी लिखा है कि सैद्धांतिक रूप से बाजार रेट में रजिस्ट्री की जाए।
लेकिन जहां बाजार में 60 लाख रुपए एकड़ कीमत है वहां 5 लाख 10 लाख रुपए दिया जा रहा है। ऐसे में कंपनियों के यदि सरकार पैसे बचा रही है तो कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार हो रहा है। इस गड़बड़ी की सरकार जांच कराएगी।विधानसभा में प्रदूषण का उठाऊंगा मुद्दा कोयले में 20 से 30 फीसदी मिलावट हो रही है।झारखंड से स्टोन डस्ट और कोयले का डस्ट लाया जा रहा है। कई कंपनियों के बॉयलर बंद हो गए। दो लोग बाहर से आए करीब 10 दिन रहे ट्रांसपोर्टरों से मिले। कहां से आए, किसके कारण आए और ट्रांसपोर्टरों से क्या बात हुई, यहां के पूरे ठेके की मुख्यमंत्री को बताना चाहिए। इस दौरान उन्होंने फिरोज खान नामक एक शख्स का जिक्र भी किया। जो यहां के कामों को लेकर डील कर रहा है। उन्होंने कहा कि यहां पर हो रहे प्रदूषण का असेसमेंट नहीं किया जा रहा। जबकि जिले में हो रहे प्रदूषण के बारे में यहां के लोगों को बताना चाहिए। इस गंभीर विषय को मैं विधानसभा में भी उठाऊंगा।