तमिलनाडु के पंचवर्णा मंदिर में साइकिल सवार की मूर्ति को लेकर किया था ट्वीट
नई दिल्ली। आमतौर पर सधे हुए ट्वीट करने वाले केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल बाइसिकल डे पर ट्रोल्स के शिकार हो गए। पटेल ने पहले अपना ट्वीट डिलीट किया फिर नए तथ्यों के साथ दोबारा मैदान में आए।
दरअसल साइकिल दिवस पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल ने तमिलनाडु के पंचवर्णा मंदिर के एक स्तंभ पर उकेरी गई साइकिल की तस्वीर पोस्ट कर उसके 2000 साल पुराना होने का दावा किया। इसके साथ उन्होंने पूछा कि 200 साल पहले बनी साइकिल का अविष्कार कहां हुआ?
पटेल के इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने तारीफ की तो कुछ लोगों ने एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि पंचवर्णा मंदिर का जीर्णोद्धार अंग्रेजों के समय हुआ, तभी साइकिल सवार की मूर्ति बनाई गई। ट्रोलिंग बढ़ती देख पहले केंद्रीय मंत्री ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया,लेकिन नए तथ्य और तर्क के साथ मंदिर का वीडियो लेकर वे दोबारा ट्विटर पर आ गए।
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि बाइसिकल डे के संदर्भित ट्वीट मे एक चित्र की जानकारी में तथ्यात्मक त्रुटि के लिए खेद के साथ यह जानकारी दे रहा हूँ कि चोलकालीन पंचवर्णा मंदिर 9वीं से 12वीं सदी के बीच निर्मित है,जिसके एक स्तंभ पर साइकिल सवार की यह आकृति आज भी है।
इस पंचवर्णा मंदिर में अंग्रेज़ी शासन काल में हुए जीर्णोद्धार के आलोक में कुछ तत्वों ने इस मूर्ति की प्राचीनता पर सवाल उठाए,लेकिन तमिलनाडु सरकार या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास कोई दस्तावेज नहीं है जिसमे इसकी प्राचीनता पर संदेह किया जाए।
हर ट्वीट पर प्रह्लाद की नजर
बता दें कि अपना ट्विटर हैंडल खुद आपरेट करने वाले प्रह्लाद पुरातात्विक धरोहर और पर्यटन से जुड़ी जानकारियां लगातार साझा करते रहते हैं। यदि कोई व्यक्ति किसी अनजानी या अति प्राचीन विरासत की जानकारी देता है तो वे उसका स्वागत भी करते हैं। कई मामलों में धरोहर के संरक्षण के प्रयास भी वे ऐसी जानकारी के आधार पर करते हैं।
इस पंचवर्णा मंदिर में अंग्रेज़ी शासन काल में हुए जीर्णोद्धार के आलोक में कुछ तत्वों ने इस मूर्ति की प्राचीनता पर सवाल उठाए,लेकिन तमिलनाडु सरकार या भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के पास कोई दस्तावेज नहीं है जिसमे इसकी प्राचीनता पर संदेह किया जाय ।सभी का धन्यवाद ।। https://t.co/qr6Qt9HePH
— Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) June 3, 2020