इंदौर कुटुंब न्यायालय में सुनाया पति के हक में अनोखा फैसला जहां अब पत्नी को पति को देना होगा भरण पोषण के लिए प्रति माह ₹5000 का गुजारा भत्ता,पीड़ित के वकील मनीष झरौला ने बताया कि पति ने पत्नी की वजह से पढ़ाई छुटने और बेरोजगार होने का हवाला देकर न्यायालय में केस पंजीबद किया था जहां दोनों ही पक्षो के बयान सुनने के बाद जिला कुटुंब न्यायालय ने पति के हक में फैसला सुनाते हुए पेशे से ब्यूटी पार्लर संचालिका पत्नी को बेरोजगार पति को ₹5000 प्रति माह देने का फैसला सुनाया है।पति अमन की ओर अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया की पत्नी ने थाने में उसकी गुमशुद की रिपोर्ट दर्ज कर रखी है तब पुलिस को बताया कि पत्नी ब्यूटी पार्लर चलाती है जबकि पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह कामकाज नहीं करती है और उसका पति कमाता है लेकिन न्यायालय में इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं होने के चलते ब्यूटी पार्लर संचालिका पत्नी को कुटुंब न्यायालय ने ₹5000 बेरोजगार पति को हर माह देने का फैसला सुनाया है।
वही अधिवक्ता मनीष झरौला ने बताया कि पत्नी को पति को भरण पोषण भत्ता देने का संभवत मध्य प्रदेश में यह पहला मामला कह सकते हैं इसके पूर्व अन्य शारीरिक मानसिक मामलों में जरूर पत्नी को पति को भरण पोषण दिया होगा। वही उज्जैन के रहने वाले अमन ने 2020 में एक युवती से मित्रता हो गई जहां कुछ महीने बाद दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई और युवती ने अमन को प्रपोज कर शादी का कहा लेकिन अमन ने शादी करने से इनकार कर दिया था उसका कहना था कि अभी वह केवल 12वीं कक्षा में है पहले वह अपना एजुकेशन पूरा करने के बाद शादी करेगा, लेकिन युवती ने अमन को आत्महत्या करने की धमकी देकर ब्लैकमेल कर जुलाई 2021 में आर्य समाज मंदिर में रीति रिवाज से शादी रचा ली थी और दोनों इंदौर के किराए के घर में रहने लगे पीड़ित पति ने बताया कि शादी के 1 महीने बाद से ही पत्नी उसे लगातार परेशान करने लगी जिसमें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना शामिल थी वही पति ने कई बार पत्नी को समझाने का प्रयास किया लेकिन पत्नी का व्यवहार में कोई बदलाव नहीं हुआ जिससे परेशान होकर अमन शादी के महत्व 2 महीने बाद ही पत्नी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास चला गया था,जहां नाराज पत्नी ने थाने पर पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर दी और पति के खिलाफ कुटुंब न्यायालय में दहेज प्रताड़ना व शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का केस दायर करते हुए भरण पोषण की याचिका दायर कर दी,
जिस पर पीड़ित पति अमन ने अपने वकील के माध्यम से पहले पुलिस थाने में पत्नी की शिकायत की और उसके बाद फैमिली कोर्ट में अपनी ही पत्नी के खिलाफ भरण पोषण का केस लगा दिया जहां आज दोनों ही पक्षों के दलीलों को सुनने के बाद कुटुंब न्यायालय ने फैसला पति के हक में देते हुए पत्नी को पति को ₹5000 प्रतिमाह भरण पोषण देने का फैसला सुनाया,पति के अनुसार पति ने खुद को बेरोजगार बताते हुए भत्ता देने में असमर्थता जताई थी जिस पर अमन की ओर अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया की पत्नी ने थाने में उसकी गुमशुद की रिपोर्ट दर्ज कर रखी है तब पुलिस को बताएं कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है जबकि पत्नी ने कोर्ट में कहा कि वह कामकाज नहीं करती है और उसका पति कमाता है लेकिन न्यायालय में इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं होने के चलते ब्यूटी पार्लर संचालित का पत्नी को कुटुंब न्यायालय ने ₹5000 बेरोजगार पति को हर माह देने का फैसला सुनाया है वही अधिवक्ता मनीष झरौला ने बताया कि पत्नी को पति को भरण पोषण भत्ता देने का संभवत मध्य प्रदेश में यह पहला मामला कह सकते हैं इसके पूर्व अन्य मामलों में जरूर पत्नी को पति को भरण पोषण दिया होगा।