अब सिर्फ 5 मंत्री बनाने और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की उपेक्षा पर सवाल
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मिनी कैबिनेट गठन को लेकर कांग्रेस ने सवालों की झड़ी लगा दी है। मंत्रिमंडल न बनाने को लेकर शिवराज की राष्ट्रपति से शिकायत कर चुके कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील विवेक तन्खा ने मिनी कैबिनेट को भी संविधान का अनादर बताया है।
तन्खा ने शिवराज सिंह को संबोधित करते हुए कहा कि शिवराज जी, कैबिनेट के संबंध में मेरे सुझावों को “आंशिक” रूप से ही मानने के लिए धन्यवाद। परंतु संविधान की धारा 164 -1ए के अनुसार न्यूनतम 12 मंत्री होने चाहिए। उन्होंने पूछा कि बीजेपी को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज क्यों है। तन्खा ने सवाल किया कि पहली बार चारो महानगरों से मूल “बीजेपी” का प्रतिनिधि क्यों नहीं मिला। ऑपरेशन लोटस के महत्वपूर्ण किरदार कैसे छूट गए?
वरिष्ठतम नेता और पूर्व एलओपी भी कैबिनेट में शामिल नहीं हैं।
तन्खा ने उम्मीद जताई कि अब प्रदेश में मौत का तांडव रुकेगा और हम कोरोना से जंग जीतेंगे।
शिवराज जी, कैबिनेट के संबंध में मेरे सुझावों को "आंशिक" रूप से ही मानने के लिए धन्यवाद *परंतु* 1.संविधान की धारा 164 -1ए के अनुसार न्यूनतम 12 मंत्री होने चाहिए-बीजेपी को संवैधानिक प्रावधानों से परहेज क्यों 2.पहली बार चारो महानगरों से मूल "बीजेपी" का प्रतिनिधि नही |1/2
— Vivek Tankha (@VTankha) April 21, 2020
जीतू पटवारी ने भी खोला मोर्चा
पूर्व मंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि गोपाल भार्गव जी की वरिष्ठता एवं अयोग्यता का आज पता चला!
मजबूर मुख्यमंत्री का आधा -अधूरा अयोग्य मंत्रिमण्डल कोरोना महामारी एवं वित्तीय स्थिति में प्रदेश को गर्त में ले जाएगा। यदि 5 लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है तो 28 को क्यों नहीं?
पटवारी ने कहा कि दरअसल बीजेपी की अंदरूनी कलह के कारण मध्यप्रदेश को एक पूरा मंत्रीमंडल भी नसीब नहीं हो पा रहा है। विभीषण की पद-लालसा के कारण कमलनाथ जी जैसे विज़नरी मुख्यमंत्री से वंचित होकर शिवराज जैसे नकारा CM को जनता की मर्जी के विपरीत कुछ समय के लिए प्रदेश को झेलना पड़ेगा।
शिवराज का मंत्रीमंडल मप्र के दुर्भाग्य की शुरुआत है..!
— Jitu Patwari (@jitupatwari) April 21, 2020
गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ को नज़रअंदाज़ करना और बिकाऊ लोगों के लिये अपने ही लोगों को किनारे करना अस्वस्थ परंपरा है।
ये बीजेपी के अंत का आरंभ है। pic.twitter.com/qDKEgWhaGV