छत्तीसगढ़। फादर्स डे पर हम आज आपको मिलते हैं दुनिया के सबसे अच्छे पापा में से एक जो अपनी दोनों दिव्यांग बच्चियों के लिए अपना जीवन ही लगा दिया है और उनका एक ही लक्ष्य है अपनी बेटियों को खुश रखना और इसके लिए वह हर काम करते है जिससे उनको बस थोड़ी सी ख़ुशी मिल सके देखिए हमारी खास रिपोट….
दोनों बच्चियों के साथ खिलाते पिलाते हंसी मजाक के साथ बाइक में बैठा कर पान दुकान लाकर पान खिलाते पिता का नाम पारस कुशवाहा जो सूरजपुर के गोपालपुर में रहते हैं इनकी दोनों ही बच्चिया दिव्यांग है पर यह कभी भी अपनी बच्चियों को इसका एहसास नहीं दिलाते हैं इनकी हर खुशी के लिए अपना जीवन ही लगा दिया है आज के समय में जहां दिव्यांग होना किसी श्राफ से काम नहीं है और ऐसे बच्चो को बोझ से कम नही समझते हैं और उन्हें उन्ही के हाल में छोड़ दिया जाता है पर वहीं पारस और उनकी पत्नी समाज के लिए मिशाल है जो अपनी दोनों दिव्यांग बच्चों के लिए अपना जीवन ही लगा दिया है उनका एक ही मकसद है की इन बच्चों को कैसे खुश रख सके सुबह होते ही पारश इन दोनों को अपने हाथों से नास्ता कराते है और अपने बाइक में बैठा कर पान खिलाने के लिए एक किलोमीटर लेके जाते है और यह बस उस बच्ची की खुशी के लिए करते है इनका कहना है की मेरे दोनों बच्ची को भगवान ने ऐसा ही बनाया इसमें इनकी क्या गलती है इनको कुछ तकलीफ़ ना हो इसका ध्यान देता हूं दोनों मेरी जिंदगी है दोनों के पास बैठ कर अलग ही सुकून मिलता है इनके लिए में जितना कर सकू उतना ही कम है मेरी भगवन से एक ही मांग है की मेरी दोनों बेटियों को ठीक कर दे फादर्स डे पर ऐसे माता पिता को मेरा सलाम है ।
बाईट – पारश ,,पिता