Friday, November 8, 2024
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Yes Bank crisis LIVE Updates: वित्त मंत्री से मिलकर बोले SBI चेयरमैन- पैनिक की जरूरत नहीं, बना रहे हैं व्यवस्था – Yes bank crisis live updates rbi cap yes bank withdrawal limit rbi governor shaktikanta das lbs

आरबीआई की यस बैंक से 50 हजार से अधिक की निकासी पर पाबंदी से देश के तमाम शहरों में एटीएम के बाहर पैसे निकालने वालों की कतार लग गई. कई शहरों में अफरातफरी का माहौल भी देखने को मिला. शुक्रवार को मुंबई और अहमदाबाद में यस बैंक के ग्राहक काफी परेशान दिखे. वो सुबह-सुबह एटीएम पहुंचे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. इस दौरान पैसे निकालने की हड़बड़ी में कई जगहों पर हालात बेकाबू दिखे, जिसके बाद एटीएम के बाहर पुलिस तैनात की गई.

यस बैंक मामले को लेकर एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और कहा पैनिक करने की जरूरत नहीं है. हम लोग सिस्टम बना रहे हैं. ग्राहकों के जमा किए हुए पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

वोडाफोन के मुखिया ने भी वित्त मंत्री से मुलाकात की लेकिन मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया. SEBI के चेयरमैन अजय त्यागी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेंगे. वो यस बैंक संकट समेत कई मुद्दों पर बात करेंगे.

RBI गवर्नर बोले- बैंक को समय देना होगा

इस बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमने 30 दिनों के लिए यह लिमिट लगाई है. जल्द ही आरबीआई यस बैंक को संकट से निकालने के लिए तेजी से कार्रवाई करेगा. आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘आपको बैंक को समय देना होगा, प्रबंधन द्वारा उठाए जाने वाले जरूरी कदम को उठाने की कोशिश करनी होगी और उन्होंने कोशिश की. जब हमने पाया कि यह कोशिश काम नहीं कर रहा तो आरबीआई ने हस्तक्षेप किया.’

क्या है आरबीआई की पाबंदी

> रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर सख्त पाबंदी लगा दी है

> पाबंदी के तहत ग्राहक 50 हजार से ज्यादा की रकम नहीं निकाल सकते

> 50 हजार निकासी की सीमा 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लागू रहेगी

> रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है

कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा- कोई संकट नहीं

वहीं चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने यस बैंक के मामले पर जानकारी देते हुए कहा, ‘पहले भी ग्लोबल ट्रस्ट बैंक की क्राइसिस हुई थी तो हमने बेलआउट किया था. डिपॉजिटर को किसी तरीके की डरने की जरूरत नहीं है. पैनिक का माहौल नहीं है. भारत में ही नहीं बाकी देशों में भी एक स्टैंडर्ड प्रोसीजर होता है. रिजर्व बैंक ने जो किया है काफी सोच समझ कर किया है. इस पर काफी अध्ययन किया जा रहा है सारे विकल्प सोचे जा रहे हैं. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि डिपॉजिटर के पैसों का कोई नुकसान नहीं होगा.’

रिजर्व बैंक ने कहा- बस कुछ दिनों की दिक्कत

रिजर्व बैंक को ये सख्त कदम उठाने पड़े क्योंकि यस बैंक की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है. इसकी तमाम वजहें हैं लेकिन जैसे ही आधी रात से 50 हजार की निकासी की सीमा लागू हुई ग्राहक में भय व्याप्त हो गया, जिसका असर सुबर यस बैंक के एटीएम पर दिखा. हालांकि, रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को दिलासा दिया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बस कुछ दिनों की दिक्कत है. यस बैंक की कायापलट की जा रही है.

सवाल है कि…

यस बैंक की इस हालत का कौन जिम्मेदार है?

रिजर्व बैंक इतनी देर से क्यों जागा है?

जब हालत बिगड़ते दिखे तो वक्त पर सख्त कदम क्यों नहीं उठाए?

जिस मुश्किल और परेशानी से ग्राहक गुजर रहे हैं उसकी भरपाई कैसे होगी?

यस बैंक का निदेशक मंडल भी भंग

भारतीय रिजर्व बैंक ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गई हैं. केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है. आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि यस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.

काफी समय से कर्जे में है यस बैंक

इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था. करीब 15 साल पहले शुरू हुआ यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है. इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को यस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी.

इसका अंदाजा इसस भी लगाया जा सकता है कि पिछले 15 महीनों में निवेशकों को 90 फीसदी तक का घाटा लग चुका है. सितंबर 2018 में इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 90 हजार करोड़ रुपये था, जो घटकर 9000 करोड़ रुपये बच गया है.

इन मामलों में ग्राहकों को मिलेगी छूट

इस बीच 50 हजार की निकासी सीमा से कुछ लोगों को विशेष स्थिति में छूट भी दी जा रही है. यानी कि विशेष परिस्थिति में ग्राहक 50 हजार से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं. इनमें वो ग्राहक शामिल हैं, जिन्हें….

> मेडिकल खर्च करना हो यानी बीमारी के लिए पैसे की जरूरत हो.

> भारत के बाहर पढ़ाई के लिए खर्च करना हो.

> शादी या किसी अन्य समारोह पर खर्च करना हो.

10 बैंकों के विलय की मंजूरी

यस बैंक से निकासी पर लिमिट के ऐलान के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों के शेयरों में जोरदार उछाल दर्ज हुआ. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय की मंजूरी दे दी है. यह विलय एक अप्रैल से प्रभावी होगा. इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शेयर 16 प्रतिशत तक की छलांग लगा गए. वहीं, दूसरी ओर सरकार द्वारा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई वाले बैंकों के समूह को यस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी की खबरों के बीच निजी क्षेत्र के बैंक का शेयर 27 प्रतिशत तक चढ़ गया.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को दस सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय को मंजूरी दे दी है. इनमें इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक और ओबीसी शामिल हैं. इस विलय के बाद 7 बड़े सार्वजनिक बैंक अस्तित्व में आएंगे, जिनकी पहुंच राष्ट्रीय स्तर की होगी. विलय के बाद बनने वाली प्रत्येक इकाई का कारोबार 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होगा.

ओबीसी और यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में विलय होगा, जबकि सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय होगा. आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक आफ इंडिया में विलय होगा. वहीं इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाएगा.

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