यस बैंक पर आए संकट पर कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. शेरगिल ने अपने ट्ववीट में कहा है कि बैंकों की खराब के लिए बीजेपी सरकार की ‘पकोड़ानॉमिक्स’ को धन्यवाद जो भारत को ‘आर्थिक बंदी’ की राजधानी बनाने काी दिशा में काम रही है. उन्होंने पूछा, कितने बैंक कंगाल होंगे? कितने उद्योग अभी और बंद होंगे. वित्त मंत्री के इस्तीफे से पहले अभी कितनी और बेरोजगारी फैलेगी? एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस नेता लिखा, बीजेपी के पिछले 6 साल के नारों की हकीकत, 2014 : 15 लाख ले लो (सभी के लिए), 2018 : पकौड़ा ले लो (बेरोजगारों के लिए), 2020 : ताला ले लो (बैंक और उद्योगों के लिए). उन्होंने आगे लिखा कि बीजेपी की गलत वित्तीय नीतियों के चलते भारत के लोग अपने जेब से भुगत रहे हैं.
Landscape BJP slogans over past 6 years:
2014: “₹15Lac Le Lo” (For very citizen)
2018: “Pakoda Le Lo” (For every unemployed)
2020: “Tala (Lock) Le Lo” (For every Bank & Industry)
People of India are paying for BJP financial misadventures from their pocket! #yesbankcrisis
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) March 6, 2020
गौरतलब है कि निजी क्षेत्र के यस बैंक इस समय नगदी की संकट के जूझ रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक (Yes Bank) से निकासी की सीमा तय कर दी है. RBI के इस आदेश के बाद अब ग्राहक 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे. RBI के अनुसार फिलहाल यह रोक 5 मार्च से 3 अप्रैल तक लगी रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग करते हुए उसपर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. RBI ने बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया भी लगा दी हैं.
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केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है. आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि Yes Bank के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद पीएमसी बैंक (PMC Bank) के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया था. यस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है.
RBI ने यस बैंक से 50 हजार रुपये से अधिक की निकासी पर लगाई रोक