- प्रवासी भारतीय बिजनेस टायकून लक्ष्मी मित्तल के बेटे हैं आदित्य
- लक्ष्मी मित्तल का आर्सेलर समूह भारत में अपना विस्तार कर रहा
- आदित्य मित्तल को इस विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका मिली है
लंदन में रहने वाले दिग्गज प्रवासी भारतीय बिजनेस टायकून लक्ष्मी मित्तल के बेटे आदित्य अब भारत में अपने कारोबार विस्तार की तैयारी कर रहे हैं. आदित्य ने हाल में ही भारतीय कंपनी एस्सार स्टील को खरीदने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
आदित्य मित्तल भारत में स्टील कारोबार के साथ ही पेट्रोकेमिकल कारोबार में भी बड़े निवेश की तैयारी कर रहे हैं. आदित्य मित्तल अभी सिर्फ 43 साल के हैं और हाल में ही उन्हें आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया (जो पहले एस्सार स्टील था) का चेयरमैन बनाया गया है.
क्या है तैयारी
आदित्य ने इस कंपनी के हजीरा प्लांट की स्टील उत्पादन क्षमता 1.5 करोड़ टन से बढ़ाकर इसका दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. वह जॉइंट वेंचर कंपनी एचपीसीएल मित्तल एनर्जी (HMEL) के द्वारा 12 लाख टन सालाना क्षमता का एक ड्यूल फीड पेट्रोकेमिकल प्लांट लगाने की भी तैयारी कर रहे हैं.
HMEL के पास बठिंडा में 1.1 करोड़ टन क्षमता की गुरु गोविंद सिंह रिफाइनरी है. इसकी स्थापना साल 2012 में 4 अरब डॉलर की लागत से की गई है. HMELअसल में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (HPCL) और मित्तल एनर्जी इनवेस्टमेंट के बीच का संयुक्त उद्यम है, जिसमें दोनों की 48-48 फीसदी हिस्सेदारी है. आदित्य इसके भी चेयरमैन हैं.
एस्सार को हाल में खरीदा है
आर्सेलर मित्तल ने हाल में ही दिवालिया हुई एस्सार स्टील को 54 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है. एस्सार स्टील प्लांट फिलहाल 75 लाख टन तैयार स्टील का उत्पादन करता है. कंपनी के पास 1.4 करोड़ टन का एक आयरन ओर पेलेट कारखाना है.
कंपनी की योजना इसे आगे चलकर बढ़ाकर 85 लाख टन करने की है. आदित्य मित्तल ने ही HMEL के पेट्रोकेमिकल कारोबार में विस्तार की अगुवाई की है. आर्सेलर मित्तल का मार्केट कैप 17 अरब डॉलर से ज्यादा है. आर्सेलर मित्तल ने गुजरात में 42 हजार करोड़ रुपये का निवेश करने का ऐलान किया है.
हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे ने ही सबसे पहले यह खबर दी थी कि एस्सार स्टील के कारोबार का नेतृत्व आदित्य मित्तल के हाथ में होगा. आदित्य एस्सार स्टील को खरीदने के लिए चल रही पूरी बातचीत की अगुवाई कर रहे थे. आदित्य मित्तल ने जनवरी 1997 में मित्तल स्टील ज्वाइन किया था और दो साल के भीतर ही उनकी अगुवाई में कई विलय और अधिग्रहण सौदे हुए.
बिजनेस से लेकर परोपकार तक
उन्होंने कंपनी का कारोबार मध्य यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका तक की. उन्हें साल 2004 में कंपनी का प्रेसिडेंट और सीएफओ बनाया गया. वह अपनी पत्नी मेघा के साथ मिलकर कई तरह के परोपकारी कार्य भी करते हैं. उन्होंने खासकर बच्चों के अस्पताल बनाने की दिशा में अच्छा काम किया है. उन्होंने अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की पढ़ाई की. वह आर्सेलर मित्तल के CFO हैं. उनकी पत्नी मेघा मित्तल जर्मनी की फैशन कंपनी एस्काडा की मालकिन हैं.