Monday, December 30, 2024
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जब पिता की रिहाई के लिए आतंकी रियाज नायकू ने 10 पुलिसवालों के रिश्तेदारों को बनाया बंधक – Hizbul terrorist riyaz naikoo killed in gunbattle in jammu kashmir

  • पुलिस को नायकू की लंबे अरसे से थी तलाश
  • फोन इंटरसेप्ट के आधार पर की गई कार्रवाई

कश्मीर के अवंतीपोरा में सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर की संयुक्त टीम ने रियाज अहमद नायकू उर्फ जुबैर को मार गिराया. संयुक्त टीम ने इस कार्रवाई को नायकू के गांव बेगपोरा में ही अंजाम दिया. नायकू यहां अपने घरवालों से मिलने आया था. पुलिस को इसकी खुफिया जानकारी मिली और गांव को चारों ओर से घेरकर कार्रवाई शुरू की गई.

संयुक्त टीम ने जिस घर को उड़ाया उसमें दो शव बरामद हुए. इसमें एक नायकू का है, जबकि दूसरा उसके एक गुर्गे का है. बता दें, साल 2018 में नायकू तब सुर्खियों में आया था, जब उसने अपने पिता की रिहाई के बदले 10 पुलिसकर्मियों के परिजनों को अगवा कर लिया था.

रियाज अहमद नायकू उर्फ जुबैर मारे जाने से पहले तक हिज्बुल मुजाहिदीन का डिवीजनल कमांडर था. इसकी प्रोफाइल देखें तो अवंतीपुरा का रहने वाला नायकू A++ कैटेगरी का हिज्बुल आतंकी था. साल 2018 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रियाज नायकू के पिता को पूछताछ के लिए उठा लिया था. इसके जवाब में नायकू ने पुलिसकर्मियों के 10 परिजनों को अगवा कर लिया और जब तक उसके पिता को नहीं छोड़ा गया, उसने उन्हें भी नहीं छोड़ा. मौत के घाट उतारे जाने से पहले तक रियाज नायकू जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकवादी था.

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अवंतीपोरा का रहने वाला नायकू 2010 से कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ. 2017 में सबजार बट की मौत के एक दिन बाद ही रियाज को हिज्बुल की जिम्मेदारी दी गई थी. तब उसकी उम्र महज 29 साल थी. उसके खतरनाक इरादे को देखते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने रियाज नायकू के सिर पर 12 लाख का इनाम घोषित किया था. नायकू को टेक्नोलॉजी में माहिर माना जाता था. हाल के वर्षों में घाटी में कई ऐसे हमले हुए हैं जिनके पीछे इस आतंकी का ही हाथ जताया गया था.

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रियाज नायकू लगातार ऑडियो और वीडियो जारी कर युवाओं में अपनी पैठ बढ़ाता रहा. वह युवा कश्मीरियों से अपील करता देखा गया कि हिंदुस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ लड़ाई में उसका साथ दें. ऐसा नहीं है कि रियाज नायकू को अभी तक मारने की कोशिश नहीं की गई. उसे कई बार सुरक्षाबलों ने घेरा है लेकिन हर बार कभी अपने साथियों की मदद से और कभी लोकल लोगों की मदद से वह भाग गया. रियाज नायकू को बुरहान वानी से भी ज्यादा खतरनाक बताया जाता था, क्योंकि बुरहान वानी सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए मैसेज देता था. मगर रियाज नायकू जमीन पर उतर कर आतंक को अंजाम देता था.

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