- सभी पार्टी सांसदों से मिल कर तैयारियों को दे रहे अंतिम रूप
- पीएम मोदी सांसदों से ममता सरकार का फीडबैक भी ले रहे हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए ‘मिशन पश्चिम बंगाल’ की कमान अपने हाथों में ले ली है. जाहिर है राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसलिए पीएम मोदी खुद ही राज्य के सभी पार्टी सांसदों से मिल कर तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं.
बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी, पार्टी के सांसदों से एक-एक कर दिल्ली के संसद भवन में अपने कार्यालय में मुलाकात कर रहे हैं. हर सांसद से 15-20 मिनट मुलाकात होती है. इसमें पीएम मोदी राज्य की राजनीतिक परिस्थिति के बारे में फीडबैक लेते हैं.
पश्चिम बंगाल से बीजेपी के 18 सांसद हैं. पीएम मोदी इनसे ये भी पूछ रहे हैं कि केंद्र सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ राज्य की जनता को पहुंच पा रहा है या नहीं? वे राज्य की ममता बनर्जी सरकार के प्रदर्शन के बारे में भी इन सांसदों से फीडबैक ले रहे हैं.
पीएम मोदी की दिलचस्पी इस बात में भी है कि राज्य में कौन से मुद्दे हावी हैं. गौरतलब है कि बीजेपी बंगाल को लेकर बेहद सक्रिय है. पार्टी को अपने लगातार सुधरते प्रदर्शन से काफी उम्मीदें है. गृह मंत्री अमित शाह भी कह चुके हैं कि बीजेपी दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.
बता दें, एक मार्च को पश्चिम बंगाल में अमित शाह की रैली थी. इस दौरान उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव से पहले ममता दीदी कहती थीं कि हमारे उम्मीदवार अपनी जमानत राशि खो देंगे. लेकिन पहली बार हमने राज्य की 42 में से 18 सीटें जीतीं. ममता दीदी आंकड़े देख सकती हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलेगा. दो-तिहाई बहुमत और सरकार बनाएगी.”
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शाह ने कहा कि उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में कई राजनीतिक बदलाव देखे हैं.
शहीद मीनार मैदान में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था, “2014 में बीजेपी को केवल 87 लाख वोट मिले. 2019 में आपने अपना प्यार व स्नेह बरसाया और हमें समर्थन दिया. हमें 2.30 करोड़ वोट मिले. मुझे भरोसा है कि हमारे मार्च को नहीं रोका जा सकता.”
अपने भाषण की शुरुआत में माहौल को उत्साहित करते हुए शाह ने ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाया था और भीड़ से इसे जोर-शोर से दोहराने के लिए कहा था, जिससे यह उन लोगों के कान तक पहुंचे, जो नए नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं.
उन्होंने कहा था, “आप को जोर से आवाज लगानी चाहिए. इस तरह से आप ममता दीदी की सरकार को सत्ता से बेदखल कैसे कर सकते हैं?”
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इसके बाद उन्होंने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का जिक्र किया था और कहा था कि इस मुद्दे ने बंगाल में बहुत ज्यादा राजनीतिक कटुता पैदा की है.