मदनपुर मे आल्हा ऊदल की कचहरी
– फोटो : LALITPUR
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मड़ावरा/ललितपुर। एक ओर देश में सर्वसुविधायुक्त गांव व शहर बनाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के अंतिम छोर पर बसा गांव मदनपुर बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहा है। गांव की गलियों में खडंजा उखड़ा पड़ा है। जूनियर हाईस्कूल का रास्ता खराब है। बरसात में बच्चों को स्कूल पहुंचना मुश्किल हो जाता है। 4-जी नेटवर्क के जमाने में मोबाइल में सिगनल के लिए दो मंजिला छत पर जाना पड़ता है। यहां के निवासी देवेंद्र सिंह तीन बार क्षेत्र के विधायक रहे, लेकिन बुनियादी समस्याएं दूर नहीं हो सकीं।
मड़ावरा ब्लाक की गिनती पिछड़े विकासखंडों में होती है। इसमें मदनपुर गांव की हालत और भी खराब है। पेयजल के लिए पंप हाउस बनवाया गया है, लेकिन टंकी में पानी नहीं पहुंचता है। पंप हाउस को डीजल पंप से संचालित किया जाता है। पाइप लाइनें उखड़ी पड़ी हैं। रास्तों में सीसी सड़क नहीं हो पाई है। बच्चों को बरसात के दिनों में आवाजाही की समस्या हो जाती है। नाले पर छोटी पुलिया बनाई गई है, जो बरसात में अक्सर डूूब जाती है। आल्हा- ऊदल की कचहरी को पुरातत्व विभाग ने अपनी देखरेख में ले रखा है। रोड साइड और गांव की तरफ चहारदीवारी बनाई गई है, लेकिन तालाब की ओर चहारदीवारी को छोड़ दिया गया है। कचहरी के आसपास ही कचरा फैला रहता है।
गांव में अस्पताल है, लेकिन चिकित्सक की तैनाती नहीं है। स्कूलों में अध्यापकों की मनमानी बनी रहती है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावी नहीं है। बिजली भी आए दिन धोखा दे जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कभी बिजली पंद्रह दिन तो कभी एक महीने तक बाधित रहती है। विधायक देवेंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में चार चेकडैम बनवाए थे, इनमें से एक चेकडैम बह गया है। वह सिल्ट के कारण पानी का दवाब नहीं झेल सका। जो बड़ी बंधियां बनाई गई थीं, वह भी मरम्मत मांग रही हैं। एक बंधी को नया रूप देने की कोशिश की गई, लेकिन उससे किसानों का भला नहीं हो सका। यहां एक बड़ी बंधी व चेकडैम निर्माण की जरूरत है। ओडी नदी पर पहाड़ी गांव में पुल नहीं बन सका। वहीं, जामनी नदी पर पुल के अभाव में बरखेरा से नीमखेरा के आवागमन की समस्या है। मदनपुर से ग्रासम पारौल की दूरी सात किलोमीटर है, लेकिन पुल के अभाव में लोगों को घूमकर जाना पड़ता है। इससे आवागमन की दूरी लगभग पंद्रह किलोमीटर हो जाती है। तमाम लोग इस दूरी से बचने के लिए नाव के माध्यम से ग्राम दिदौनिया से पारौल जाते हैं। गर्मियों के दिनों में नदी में पानी कम हो जाता है, इससे कुछ लोग बगैर नाव के भी पार कर लेते हैं। मध्य प्रदेश से सटा फटन क्षेत्र है, जहां से ओडी नदी निकली है। इस नदी की मनरेगा से करीब पंद्रह किलोमीटर की सफाई हो चुकी है। वर्तमान में एक किलोमीटर की सफाई और रह गई है, जो मदनपुर गांव के आसपास का क्षेत्र है। नदी पर जो चेकडैम बना है, वह क्षतिग्रस्त है जिससे उसमें पानी नहीं रुकता है। नदी के आसपास कराया पौधरोपण महज औपचारिकता नजर आता है।
मदनपुर पुलिस से भी नहीं होता संपर्क
मदनपुर ऐसा थाना है, जहां मोबाइल पर संपर्क स्थापित करना कठिन हो जाता है। पुलिस भी कमजोर नेटवर्क से जूझती रहती है। ग्रामीणों को भी सूचना देना कठिन हो जाता है।
राजनीतिक घराना भी नहीं करा पाया विकास
मदनपुर गांव में भले ही पिछड़ापन बरकरार हो, लेकिन राजनीति में हमेशा आगे रहा है। यहां जन्मे देवेंद्र सिंह तीन बार विधायक रहे। दीवान विक्रम सिंह की पत्नी राजकुमारी सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।। रघुनाथ सिंह भी वर्ष 1967 व 1974 में विधायक रहे।
गांव में पीने के पानी से लेकर फसलों की सिंचाई की समस्या है। चेकडैम व बंधी सिंचाई के काम की नहीं रह गई हैं। ओडी नदी की अवशेष रह गए सफाई की जरूरत है।
– बृजभान सिंह
मदनपुर समेत लखंजर, पापड़ा, गोठरा, ठनगना ग्राम में बिजली, पानी, सड़क की समस्या है। कइयों को प्रधानमंत्री आवास भी नसीब नहीं हो पाए हैं। जिससे लोगों को कच्चे घरों में रहना पड़ रहा है।
– शिवराम घोषी
कुछ लोगों के ही प्रधानमंत्री आवास योजना के बन पाए हैं। तमाम लोग अभी भी कच्चे घरों में निवास करते हैं। बारिश के दिनों में समस्या कठिन हो जाती है। खडंजा की जगह रास्ते सीसी में नहीं बदल पाए हैं।
– भवानी
गांव में साफ-सफाई की समस्या है। ओडी नदी की भी पूरी सफाई नहीं हो पाई है। फटन क्षेत्र से गांव तक सफाई की आवश्यकता है। इससे गर्मियों में पानी की समस्या नहीं रहेगी।
– प्रेमरानी
पुरातत्व विभाग आल्हा- ऊदल की कचहरी का विकास नहीं कर रहा है। यहां आने के लिए सड़क, नाली व आवागमन को सुगम बनाने की जरूरत है। सड़क व आवागमन की समस्या के चलते लोग यहां आना पसंद नहीं करते हैं।
– जीवन
फटन के पुराने चेकडैम की मरम्मत व उसकी ऊंचाई बढ़ाने, मदनपुर में एक बंधी का निर्माण कराने, एक किलोमीटर ओडी नदी की सफाई कराने, रास्ते में सीसी रोड व मोबाइल नेटवर्क सुधारने की जरूरत है। ग्राम पापड़ा में एक बोर कराया गया है, यदि इसमें मोटर फिट हो जाए तो सभी को पानी मिलने लगा है। विधायकी के कार्यकाल में कई कार्य कराए। इनमें सिंचाई के लिए तीन बड़ी बंधी व चार चेकडैमों का निर्माण कराया।
– देवेंद्र सिंह, पूर्व विधायक महरौनी
मड़ावरा ब्लाक की गिनती पिछड़े विकासखंडों में होती है। इसमें मदनपुर गांव की हालत और भी खराब है। पेयजल के लिए पंप हाउस बनवाया गया है, लेकिन टंकी में पानी नहीं पहुंचता है। पंप हाउस को डीजल पंप से संचालित किया जाता है। पाइप लाइनें उखड़ी पड़ी हैं। रास्तों में सीसी सड़क नहीं हो पाई है। बच्चों को बरसात के दिनों में आवाजाही की समस्या हो जाती है। नाले पर छोटी पुलिया बनाई गई है, जो बरसात में अक्सर डूूब जाती है। आल्हा- ऊदल की कचहरी को पुरातत्व विभाग ने अपनी देखरेख में ले रखा है। रोड साइड और गांव की तरफ चहारदीवारी बनाई गई है, लेकिन तालाब की ओर चहारदीवारी को छोड़ दिया गया है। कचहरी के आसपास ही कचरा फैला रहता है।
गांव में अस्पताल है, लेकिन चिकित्सक की तैनाती नहीं है। स्कूलों में अध्यापकों की मनमानी बनी रहती है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावी नहीं है। बिजली भी आए दिन धोखा दे जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कभी बिजली पंद्रह दिन तो कभी एक महीने तक बाधित रहती है। विधायक देवेंद्र सिंह ने अपने कार्यकाल में चार चेकडैम बनवाए थे, इनमें से एक चेकडैम बह गया है। वह सिल्ट के कारण पानी का दवाब नहीं झेल सका। जो बड़ी बंधियां बनाई गई थीं, वह भी मरम्मत मांग रही हैं। एक बंधी को नया रूप देने की कोशिश की गई, लेकिन उससे किसानों का भला नहीं हो सका। यहां एक बड़ी बंधी व चेकडैम निर्माण की जरूरत है। ओडी नदी पर पहाड़ी गांव में पुल नहीं बन सका। वहीं, जामनी नदी पर पुल के अभाव में बरखेरा से नीमखेरा के आवागमन की समस्या है। मदनपुर से ग्रासम पारौल की दूरी सात किलोमीटर है, लेकिन पुल के अभाव में लोगों को घूमकर जाना पड़ता है। इससे आवागमन की दूरी लगभग पंद्रह किलोमीटर हो जाती है। तमाम लोग इस दूरी से बचने के लिए नाव के माध्यम से ग्राम दिदौनिया से पारौल जाते हैं। गर्मियों के दिनों में नदी में पानी कम हो जाता है, इससे कुछ लोग बगैर नाव के भी पार कर लेते हैं। मध्य प्रदेश से सटा फटन क्षेत्र है, जहां से ओडी नदी निकली है। इस नदी की मनरेगा से करीब पंद्रह किलोमीटर की सफाई हो चुकी है। वर्तमान में एक किलोमीटर की सफाई और रह गई है, जो मदनपुर गांव के आसपास का क्षेत्र है। नदी पर जो चेकडैम बना है, वह क्षतिग्रस्त है जिससे उसमें पानी नहीं रुकता है। नदी के आसपास कराया पौधरोपण महज औपचारिकता नजर आता है।
मदनपुर पुलिस से भी नहीं होता संपर्क
मदनपुर ऐसा थाना है, जहां मोबाइल पर संपर्क स्थापित करना कठिन हो जाता है। पुलिस भी कमजोर नेटवर्क से जूझती रहती है। ग्रामीणों को भी सूचना देना कठिन हो जाता है।
राजनीतिक घराना भी नहीं करा पाया विकास
मदनपुर गांव में भले ही पिछड़ापन बरकरार हो, लेकिन राजनीति में हमेशा आगे रहा है। यहां जन्मे देवेंद्र सिंह तीन बार विधायक रहे। दीवान विक्रम सिंह की पत्नी राजकुमारी सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।। रघुनाथ सिंह भी वर्ष 1967 व 1974 में विधायक रहे।
गांव में पीने के पानी से लेकर फसलों की सिंचाई की समस्या है। चेकडैम व बंधी सिंचाई के काम की नहीं रह गई हैं। ओडी नदी की अवशेष रह गए सफाई की जरूरत है।
– बृजभान सिंह
मदनपुर समेत लखंजर, पापड़ा, गोठरा, ठनगना ग्राम में बिजली, पानी, सड़क की समस्या है। कइयों को प्रधानमंत्री आवास भी नसीब नहीं हो पाए हैं। जिससे लोगों को कच्चे घरों में रहना पड़ रहा है।
– शिवराम घोषी
कुछ लोगों के ही प्रधानमंत्री आवास योजना के बन पाए हैं। तमाम लोग अभी भी कच्चे घरों में निवास करते हैं। बारिश के दिनों में समस्या कठिन हो जाती है। खडंजा की जगह रास्ते सीसी में नहीं बदल पाए हैं।
– भवानी
गांव में साफ-सफाई की समस्या है। ओडी नदी की भी पूरी सफाई नहीं हो पाई है। फटन क्षेत्र से गांव तक सफाई की आवश्यकता है। इससे गर्मियों में पानी की समस्या नहीं रहेगी।
– प्रेमरानी
पुरातत्व विभाग आल्हा- ऊदल की कचहरी का विकास नहीं कर रहा है। यहां आने के लिए सड़क, नाली व आवागमन को सुगम बनाने की जरूरत है। सड़क व आवागमन की समस्या के चलते लोग यहां आना पसंद नहीं करते हैं।
– जीवन
फटन के पुराने चेकडैम की मरम्मत व उसकी ऊंचाई बढ़ाने, मदनपुर में एक बंधी का निर्माण कराने, एक किलोमीटर ओडी नदी की सफाई कराने, रास्ते में सीसी रोड व मोबाइल नेटवर्क सुधारने की जरूरत है। ग्राम पापड़ा में एक बोर कराया गया है, यदि इसमें मोटर फिट हो जाए तो सभी को पानी मिलने लगा है। विधायकी के कार्यकाल में कई कार्य कराए। इनमें सिंचाई के लिए तीन बड़ी बंधी व चार चेकडैमों का निर्माण कराया।
– देवेंद्र सिंह, पूर्व विधायक महरौनी