प्रदेश में जारी खाद किल्लत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह प्रदर्शन करने शुक्रवार को सागर पहुंचे। उन्होंने यूरिया की समस्या को लेकर धरना दिया, जनसभा को संबोधित किया और गिरफ्तारी दी। शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है और जब क्षेत्र के विधायक (प्रदीप लारिया- नरयापली) किसानों के साथ उनकी मांगों को लेकर धरना देते हैं तो सरकार उन पर एफआईआर दर्ज कर डराने का प्रयास करती है। पुलिस ने शिवराज समेत सभी नेताओं को गिरफ्तार किया और थाने ले गई, इसके बाद छोड़ दिया।
शिवराज बोले- अरे कमलनाथ, जब हम इंदिरा गांधी से नहीं डरे तो तुम किस खेत की मूली हो। यह किसानों और जनता की आवाज दबाने की कोशिश है, हम ये किसी कीमत पर नहीं होने देंगे। यूरिया की व्यवस्था करनी होगी; यह नहीं हुआ तो सड़कों पर निकलना मुश्किल कर देंगे। जो किसान समय पर कर्ज चुकाते थे, वह भी आज इनके झूठे वादे के जाल में फंसकर डिफाल्टर हो गए। डिफाल्टर हो गए तो सोसाइटी से खाद, बीज के लिए कर्जा नहीं मिल रहा है।
अगर 100 रुपए से ज्यादा बिल आया तो आग लगाएंगे
यूरिया को लेकर प्रदर्शन के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बिजली बिलों को आग लगाकर किया ऐलान 100 रुपए से ज्यादा बिल आया तो आग लगाएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली काटी तो भाजपा नेता जोड़ने जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव बोले पूरे प्रदेश में 50 लाख किसानों को सरकार ने डिफाल्टर घोषित कर खाद, बीज और फसल बीमा का लाभ लेने से वंचित कर दिया गया।
एक बोरी खाद के लिए पूरा परिवार कतार में लगता है
एक आदमी लाइन में लगेगा तो एक बोरी खाद मिलेगी। इसलिए पूरा परिवार लाइन में लग जाता है; बेटा, बहू, माता, पिता और 48 घंटे लाइन में लगे रहने के बाद एक बोरी खाद मिलती है, तो दिल पर क्या गुजरती है, यह उस किसान से पूछो। कमलनाथ को शर्म आनी चाहिए।
नेता-मंत्री गले तक भ्रष्टाचार में डूबे
कांग्रेस के वचनपत्र में जितने भी वादे थे, सारे झूठे निकले। इसी झूठ के बल पर आप सभी से वोट मांगे और अब अपनी जेबें भरने में मशगूल हो गए हैं। कर्ज़माफी का वादा, फीस भरवाने का वादा, बोनस देने का वादा, रोज़गार देने का वादा, बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा, स्वसहायता समूह का कर्ज़ माफ करने का वादा, जितने भी वादे थे सभी झूठे निकले। वो कहते हैं न, “अंधाधुंध दरबार में गधे पंजीरी खाएं।” कांग्रेस सरकार के राज में प्रदेश में यही हाल हैं। जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी और नेता-मंत्री गले तक भ्रष्टाचार में डूबे गए हैं।