कार्यकर्ताओं में असंतोष: प्रभारी दीपक बावरिया ड्रैमेज कन्ट्रोल के लिए मंत्रियों की लगाएंगे क्लास, होगा वन टू वन
तीन और चार मार्च को व्हीआईपी गेस्ट हाऊस होगा वन-टू-वन, मंत्रियों के पास दिल्ली से पहुंचा फरमान
मंत्रियों के खिलाफ विधायकों- पीसीसी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बढ़ती शिकायतें। आला अफसरों से मंत्रियों की नाराजगी। अपनी ही सरकार के खिलाफ खुल कर बोलते मंत्री और नेता। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को सवा साल में ही इन तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में भरी मीटिंग में एक इंजीनियर के पैर छू लिए। खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल कम्प्यूटर बाबा से परेशान हैं।
प्रदेश कांग्रेस और सरकार में चल रही इस खींचतान को हाईकमान ने गंभीरता से लिया है। हाईकमान के निर्देश पर अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश संगठन प्रभारी दीपक बावरिया अब सरकार के मंत्रियों की क्लास लेंगे। तीन और चार मार्च को मंत्रियों के साथ वन टू वन करेंगे। सुबह से शाम तक चलने वाला यह वन टू वन राजधानी के लालघाटी स्थित व्हीआईपी गेस्ट हाऊस में होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश संगठन प्रभारी दीपक बावरिया को लंबे समय से कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की तरफ से शिकायतें मिल रही हैं कि सरकार में बैठे अधिकांश मंत्री न तो पदाधिकारियों की सुन रहे हैं और न ही कार्यकर्ताओं की। कई मंत्री तो पीसीसी के पदाधिकारियों को भी समय नहीं दे रहे हैं। इस तरह की सैकड़ों शिकायतें कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी तक भी पहुंची थी। सूत्रों की माने तो दीपक बावरिया की इस संबंध में सोनिया गांधी से बात हुई है। इसके बाद उन्होंने सीएम कमलनाथ से बात कर मंत्रियों से वन टू वन करने का तय किया है। बावरिया के वन टू वन के प्रोग्राम से मंत्री भौंचक हैं।
पहले दिन 13 और दूसरे दिन 15 मंत्रियों के साथ वन टू वन
तीन मार्च को भोपाल आने के बाद दीपक बावरिया व्हीआईपी गेस्ट हाऊस में पहले दिन तीन मार्च तेरह मंत्रियों और उसके दूसरे दिन चार मार्च को पन्द्रह मंत्रियों के साथ वन टू वन करेंगे। मंत्रियों से वन टू वन उनकी सीनियटी के हिसाब से किया जाएगा। वन टू वन की सूचना अब तक दो दर्जन से अधिक मंत्रियों पास दिल्ली से पहुंचा दी गई है।
मंत्रियों से यह होंगे सवाल
कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल उनके विभाग से जुड़े अब तक कितने वचन पूरे हो गए हैं और आगे के वचनों पर क्या कार्यवाही हो रही है। नहीं तो क्यों।
भोपाल में रहने के दौरान पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए कब का समय निर्धारित है। जिलों में प्रवास के दौरान जिला कांग्रेस कार्यालय जाते हैं या नहीं।
विधायकों के असंतोष की वजह क्या है।
हफ्ते में एक दिन का समय प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आकर कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए निकालते हैं या नहीं।
पूर्व की भाजपा सरकार के मंत्रियों के यहां तैनात स्टाफ में आपके यहां कितने लोग कार्यरत हैं और कबसे, इन्हें किसकी सिफारिश पर रखा है।
सरकारी कामों में बाहरी लोगों को हस्तक्षेप क्यों है। वे बंगलों पर किस हैसियत से बैठ रहे हैं।
कार्यकर्ताओं के अब तक कितने काम किए। उनके काम करने का तरीका क्या है।
सीएम और दिग्जिवय के साथ होगी मंत्रणा
संगठन सूत्रों की माने तो मंत्रियों से न टू वन करने के बाद दीपक बावरिया, मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के साथ भी मंत्रणा करेंगे। वे सीएम को इस व टू वन के निष्कर्षों से भी अवगत कराएंगे।
शिवराज ने किए सवाल
उधर बीजेपी इस मामले में सरकार और कांग्रेस के मजे ले रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में tweet कर तंज कसा है।
क्या बात है!
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 29, 2020
एक विशेष खेमे के मंत्री ही क्यों अधिकारियों से इतने परेशान हैं?
कहीं कोई अधिकारी एक मंत्रीजी की बात सुनने को तैयार नहीं तो किसी मंत्रीजी को काम करवाने के लिए अधिकारी के चरणों में लोटना पड़ रहा है!
क्या इन मंत्रियों के विभाग आजकल ये खुद चला रहे हैं या फिर कोई और? pic.twitter.com/JKIXWglEzM