छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Kamal Nath) की पहचान पहले बजरंग बली (Bjarang Bali) के भक्त के रूप में रही है, लेकिन अब वे शिवभक्त के रूप में दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) से कथा करवा चुके कमल नाथ अब कुबेरेश्वर धाम (Kubereswer Dham) के मुखिया पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) से शिव कथा करवा रहे हैं।
यह कथा उनके गृह जिला छिंदवाड़ा में चल रही है। अब कमल नाथ का सॉफ्ट हिंदुत्व (Soft Hindutva) चेहरा सामने दिखाई दे रहा है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के कई नेता इन पंडितों को भला—बुरा कहते रहते हैं, लेकिन अब उनके प्रमुख ही इनके सामने नतमस्तक दिख रहे हैं। पार्टी के नेता कभी बयान देते रहे हैं। पार्टी के अंदर ही बाबा की कथाओं को लेकर विरोधाभास है। इन सबसे ‘बेफ्रिक’ कमलनाथ ने बागेश्वर सरकार के बाद छिंदवाड़ा में पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा करवा रहे हैं। दोनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
धर्म के साथ-साथ सियासी मुद्दों पर बयानबाजी को लेकर भी चर्चा में रहते हैं। ऐसे में सवाल है कि विवादित बाबाओं को अपने गढ़ में बुलाना कमलनाथ के लिए जरूरी है या मजबूरी है। आपको बात दें कि शिव महापुराण सुनाने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा छिंदवाड़ा में कथा सुना रहे हैं।
कुबरेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथाओं में लोगों को टोटके बताते हैं। साथ ही कुछ टोटकों में वह दावा करते हैं कि उनके बताए उपायों से लोगों की समस्याओं का समाधान हो गया है। गौरतलब है कि कमल नाथ की आग्रह पर वह छिंदवाड़ा आए हैं। छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ और कमल नाथ यजमान बने हैं। इस समय अपने गढ़ छिंदवाड़ा में कमल नाथ पूरी तरह से शिव भक्ति में लीन हैं। वह पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा सुन रहे हैं। साथ ही सिर पर शिव महापुराण लेकर पहुंचे थे। कमल नाथ जब पंडित प्रदीप मिश्रा के पास पहुंचे तो उन्होंने ललाट पर टीका लगाया। इसके बाद कमलनाथ ने मंच से कहा कि आप छिंदवाड़ा (Chhindwada) को गोद ले लीजिए।