शिवपुरी जिले में एक साल की मासूम को रोने की तालिबानी सजा मिली। रोने पर उसे जमीन पर पटका गया, फिर मुंह पर हाथ रख उसकी सांसें बंद कर दी गईं। यह हैवानियत मासूम की मां के कथित प्रेमी ने की। महिला करीब 20 दिन पहले अपने पति को छोड़कर उक्त कथित प्रेमी के साथ बेंगलुरु से आ गई थी। शिवपुरी जिले के बामौरकला थाना क्षेत्र में रात 12 बजे की है। रातभर मां अपनी एक साल की बेटी के शव को कलेजे से लिपटे रोती रही। वहीं हत्यारा भी रातभर बच्ची और मां के सामने बैठा रहा। सुबह हत्यारा मौके से फरार हुआ तो मां थाने पहुंची और पूरी कहानी बयां की। आरोपी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है।शिवपुरी जिले के बामौरकला थाना के सुलार खुर्द गांव का रहने वाला भैयालाल आदिवासी पिछले एक साल से मजदूरी करने बेंगलुरु गया हुआ था। वह किसी ठेकेदार के यहां सड़क निर्माण कार्य में मजदूरी करने लगा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात टीकमगढ़ जिले से मजदूरी करने आई 35 साल की जयंती आदिवासी से हो गई थी।जयंती अपने पति और तीन बच्चों के साथ बेंगलुरु में रह रही थी। मजदूरी के दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया। कई माह साथ रहने के बाद भैया लाल जयंती को 20 दिन पहले बेंगलुरु से अपने गांव भगा लाया था। जयंती अपने साथ अपनी 1 साल की बच्ची को साथ ले आई थी। तभी से दोनों सुलार खुर्द गांव में झोपड़ी में साथ रह रहे थे।जयंती की शादी 10 साल पहले टीकमगढ़ के रहने वाले परमानद आदिवासी से हुई थी। जयंती के 9 साल की बेटी दामनी, 8 साल का बेटा देव और 1 साल की छाया थी। जयंती पिछले एक साल से बेंगलुरु में अपने पति परमानंद के साथ रह रही थी। यहीं उसकी मुलाक़ात भैयालाल के साथ हो गई थी। जयंती करीब 20 दिन पहले अपने पति परमानंद और 9 साल की बेटी दामनी, 8 साल का बेटा देव को बेंगलुरु छोड़ कर प्रेमी के साथ शिवपुरी भाग आई थी, लेकिन जयंती अपनी एक साल की बेटी छाया को साथ ले आई थी।जयंती अपने प्रेमी के साथ सुलार खुर्द गांव में पत्नी बनकर रहने लगी थी। इधर, एक साल की छाया के रोज रात रोने से भैयालाल परेशान होने लगा था। जयंती के मुताबिक रात 10 बजे सभी खाना खाकर सो गए थे। रात 12 बजे बेटी छाया रोने लगी। बेटी के रोने से भैयालाल की नींद टूट गई। इससे भड़के भैयालाल ने छाया को पीटा। इससे बेटी और जोर से रोने लगी।भैयालाल ने गुस्से में बेटी छाया के पैर पकड़े और उसे जमीन पर पटक दिया, जिससे बेटी के मुंह और सिर से खून बहने लगा। भैयालाल यहीं नहीं रुका उसने मुंह पर हाथ रखकर उसकी सांसे रोक दी। इस दौरान वह भैयालाल से लगातार बेटी को छोड़ देने की गुहार लगाती रही।जयंती के मुताबिक़ रातभर भैयालाल झोपड़ी में ही बैठा रहा था। इस दौरान उसके डर से वह बेटी छाया को अपने कलेजे से चिपकाए रखी। जब सुबह भैयालाल झोपड़ी में उसे छोड़कर गया। तब वह बामौरकला थाना पहुंची।पुलिस ने बच्ची के शव को झोपड़ी से बरामद कर आरोपी भैयालाल आदिवासी के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। सूचना मिलने बाद हत्या के आरोपी भैयालाल आदिवासी के पिता भौरा आदिवासी मौके पर पहुंचे और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया।