Monday, December 23, 2024
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why kids dont listen to parents: Psychology:ऐसे में छोटे बच्चे करने लगते हैं पैरंट्स को इग्नॉर – why kids do not listen to their parents in hindi

Edited By Garima Singh | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

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अपने बच्चों की कोई बात अगर पैरंट्स को सबसे अधिक हर्ट करती है तो वह है, बच्चों द्वारा उनकी कही गई बातों को अनदेखा करना। इस बात को लेकर कई बार पैरंट्स बच्चों पर नाराज भी हो जाते हैं… लेकिन डांट का असर बच्चों पर कुछ ही देर रहता है और वे फिर से अपनी हरकतों को शुरू कर देते हैं। ऐसे में पैरंट्स के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर बच्चे उनकी बात क्यों नहीं सुनते हैं!

प्यार से बनाएं आई कॉन्टेक्ट

अगर आप चाहते हैं कि आप जैसा सिखाएं, आपका बच्चा वैसा ही सीखे और करे तो आपको जरूरती है कि उससे आई कॉन्टेक्ट बनाकर बात करें। आपकी आंखों में पॉजिटिविटी, केयर और प्यार दिखना चाहिए। बच्चा का ध्यान अगर किसी दूसरे काम में है तो उससे वह काम रोकने और आपकी तरफ देखने के लिए कहें।

आपकी टोन लाउड होती है

अगर पैरंट्स हर समय बच्चों से ऊंची आवाज में बात करते हैं, तब भी बच्चे अपने पैरंट्स की बातों को सुनकर अनसुना करने लगते हैं। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जब वे सुनते तभी हैं जब उनसे चिल्लाकर बात की जाए। इन दोनों ही स्थिति में पैरंट्स को अपना व्यवहार इंप्रूव करने की जरूरत है।

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छोटे बच्चे क्यों नहीं सुनते पैरंट्स की बात?

कैसे दूर करें यह दिक्कत?

बच्चों से आप तेज चिल्लाकर बात करते हैं या आपके बच्चे सुनते तभी हैं, जब आप चिल्लाते हैं। स्थिति को नियंत्रण में करना आपके ही हाथ में है। अगर आपको समझ में ना आए कि इससे कैसे निपटें तो आप काउंसलर की मदद ले सकते हैं।

ये शब्द बच्चों को पसंद नहीं

पैरंट्स को ऐसे शब्दों का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए, जो बच्चों को पसंद नहीं हैं। अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपका रिस्पैक्ट करें तो आपको भी बच्चों को सम्मान देना होगा। उनसे बात करते समय उन्हें पॉइंट आउट ना करें, उन्हें इंसल्टिंग फील ना कराएं। ऐसा होने पर बच्चे भावनात्मक रूप से दुखी हो जाते हैं। जब ऐसा बार-बार होता है तो बच्चे आपकी बात को अनसुना करने लगते हैं।

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बच्चे को कैसे समझाएं अपनी बात

हर समय इंस्ट्रक्शन देना

यह बात हम बड़ों को भी पसंद नहीं आती कि हर समय कोई हमें डूज और डोंट्स बताता रहे। यानी क्या करना है क्या नहीं करना है…जबकि हम यह जानते हैं कि बताई जा रही बात हमारे लिए फायदेमंद है, फिर भी हम इसे पसंद नहीं करते। फिर बच्चे तो बच्चे हैं…उन्हें तो मस्ती से मतलब है, सही-गलत से उन्हें क्या!

समझाने का सही समय

इसलिए बच्चों को प्यार से उसी समय समझाएं जब वो कुछ शैतानी कर रहे हों। हर समय टोकते रहने पर भी वो आपकी बात सुनना बंद कर देगा। उसके ऐसा करने पर आप उस पर और अधिक गुस्सा करेंगे… जिससे आपके और आपके बच्चे के बीच की दूरी बढ़ने लगेगी।


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