Monday, December 23, 2024
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WPI Inflation मोदी सरकार को एक और झटका, खुदरा के बाद अब थोक महंगाई ने बढ़ाई मुसीबत – Wpi inflation wholesale price based inflation surges december prices of food items onion potato tut

  • थोक महंगाई दर 2.59 फीसदी पर पहुंच गई है
  • एक महीने पहले नवंबर में यह 0.58 फीसदी थी

केंद्र की मोदी सरकार को महंगाई के मोर्चे पर एक और बुरी खबर मिली है. मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर महीने में थोक महंगाई दर 2.59 फीसदी पर पहुंच गई है. एक महीने पहले नवंबर में यह 0.58 फीसदी थी. जबकि एक साल पहले यानी दिसंबर 2018 में थोक महंगाई दर का आंकड़ा  3.46 फीसदी पर था.

आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 11.05 फीसदी रही, जो नवंबर में 9.02 फीसदी पर थी. प्राइमरी आर्टिकल इन्फ्लेशन दिसंबर में 11.46 रही, जो ठीक एक महीने पहले 7.68 फीसदी थी. इसी तरह ईंधन और बिजली की थोक महंगाई दर नवंबर की 7.32 फीसदी की तुलना में दिसंबर में 1.46 फीसदी रही. इस लिहाज से थोक महंगाई में कमी आई है.

थोक महंगाई के ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं जब खुदरा महंगाई 5 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर है. बीते सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खुदरा महंगाई बढ़कर 7.35 फीसद के आंकड़े पर पहुंच गई. 

क्‍या होगा असर?

महंगाई के आंकड़े बढ़ने का मतलब ये है कि आरबीआई आगामी मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में रेपो रेट को एक बार फिर स्थिर रख सकता है. अगर ऐसा होता है तो लगातार दूसरी बार होगा जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा. रेपो रेट स्थिर रहने का मतलब ये हुआ कि बैंकों से ब्‍याज कटौती की उम्‍मीद कम रह जाएगी. बता दें कि आरबीआई रेपो रेट कटौती करते वक्‍त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है.

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